देवेंद्र तिवारी सांची रायसेन
विकास के नाम पर जैसे तैसे साँची में बसस्टेंड परिसर में कुछ गरीबों की गुमठियां तोड़ तथा रिक्त पडी बसस्टेंड परिसर में भूमि पर आनन फानन में बेसहारा लोगों को ठहरने तथा रात्रि में विश्राम हेतु लाखों रुपए की लागत से नवनिर्मित रैन बसेरा निर्माण शुरू किया गया था परन्तु निर्माण एजेंसी अधूरा निर्माण छोड लापता बताई जाती है प्रशासन बेखबर बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल पर निराश्रित बेसहारा मानसिक विक्षिप्त जो नगर में यहां वहां भटकने पर मजबूर रहते हैं इनका जीवन विभिन्न मौसमों में मुहाल हो जाता है। इन सभी को रात्रि विश्राम तथा ठहरने के लिए नप प्रशासन द्वारा लाखों रुपए की लागत से रैन बसेरा निर्माण आनन फानन में शुरू हुआ था तथा इस निर्माण को करने वाली निर्माण एजेंसी ने भी तल तक निर्माण कर छोड़ दिया तथा महीने गुजरने के बाद भी यह निर्माण अपने पूरा होने की बाट जोह रहा है । हालांकि इस निर्माण की घटिया गुणवत्ता ने भी अखबारों की खूब सुर्खियां बटोरी थी परन्तु इस निर्माण को देखने की फुर्सत सम्बन्धित नहीं ले सके थे इस निर्माण के दौरान जहां कालमो में मुरम की फीलिंग की जानी थी उनमें मिट्टी भरकर इतिश्री कर ली थी जो घटिया निर्माण के लिए चर्चित हो उठी थी हालांकि इस लाखों रुपए की लागत से रैन बसेरा निर्माण फाउंडेशन तक पूरा कर लिया गया था तथा महीनों गुजर गए यह निर्माण अधूरा ही पडा हुआ है तब से अब तक न तो इस निर्माण की सुध नप प्रशासन ही ले सका न ही लापता निर्माण एजेंसी को ही सुध लेने की फुर्सत रही तथा बेसहारा लोगों को इसके निर्माण होने का इंतजार लगा हुआ है निर्माण बंद रहने से जहां फाउंडेशन पर घास ऊग गई तो लोगों को खुलेआम मूत्रालय के रूप में उपयोग करने का अवसर मिल गया । जबकि पूर्व में इसी क्षेत्र में नप प्रशासन ने लोगों की मांग पर हजारों रुपए की लागत से शौचालय व मूत्रालय के निर्माण कराये गये थे परन्तु निर्माण शुरू होते ही निर्माण एजेंसी द्वारा मूत्रालय शौचालय को जमींदोज कर दिया गया तब से ही बसस्टेंड परिसर में व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों वह यहां आने वाले ग्राहकों को मूत्रालय की समस्या खड़ी हो गई जबकि बसस्टेंड परिसर में कहीं कोई स्थाई न तो मूत्रालय न ही कहीं कोई शौचालय की ही व्यवस्था रह सकी जिसका नतीजा यह हुआ कि खुलेआम एकांत स्थान को ही मूत्रालय के रूप में उपयोग करने से नहीं कतराते हैं एक तरफ नगर को स्वच्छता अभियान से जोड़कर स्वच्छ बनाने की कवायद दूसरी ओर खुलेआम गंदगी को अंजाम देना आम हो गया है। हालांकि इसी के समीप ही पेयजलापूर्ति हेतु ट्यूबवेल भी लगा हुआ है जहां से नगर में पेयजलापूर्ति की जाती है इस ट्यूबवेल को भी गंदगी ने तो अपनी चपेट में ले ही रखा है बल्कि बदबू भी फैल रही है इसकी सुध लेने की जहमत न तो प्रशासन को ही रही न ही निर्माण एजेंसी को ही अपने अधूरे निर्माण को पूरा करने की चिंता ही हो सकी है।