देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
ग्राम मुआर में सिद्ध स्थान टेकरी धाम पर पितृपक्ष पर श्रीमति राजो बाई एव पूर्वजों की स्मृति में चल रही श्री मदभागवत कथा के पंचम दिवस कथा व्यास स्वामी नित्यानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि गौ भक्ति, गौ पूजा, गौ सेवा ही सनातन धर्म की रक्षा है। जिस मानव ने गौ माता को ठुकराया वो कभी भी भगवान की प्राप्ति नहीं कर सकता उसे कभी शांति नहीं मिल सकती,जिस सनातनी ने गौ की रक्षा नही की उसके सभी पितृ नरलोक की और अग्रसर हो जाते है। गौ माता की बड़ी महिमा है। गौ माता ही मानव को भव से पार लगाती है। आज के परिवेश में गौ माता की बड़ी ही दुर्गति हो रही है। जीव ध्यान रखे जब जब गौ माता पर संकट आयेगा उसी प्रकार धर्म की हानि होगी ,आज जो दूध लगाकर गाय को छोड़ देते है।वे ध्यान रखे उनकी सभी पीढ़ियों के पुण्य खत्म हो जाते है।उनके पितृ को भी शांति नहीं मिलती,कभी देवता और भगवान भी उनकी पूजा अर्चना स्वीकार नही करते ध्यान रखे गौ माता की सेवा के लिए आगे आए। इसिप्रकार सदाशिव स्वामी नित्यानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज के बालक,बालिका सत्संग नही कर रहे है। जब ही वह धर्म पथ से भटक रहे हैं।
ऐसी चीजों का कभी सेवन नहीं करना चाइए जिस की इजाजत शास्त्र नही देते है।आज तो ऐसा जमाना होता जा रहा है। की बालक बालिका अन्य समाज में विवाह कर रहे है।ऐसे तो देश की संस्कृति ही खत्म हो जाएगी जो बच्चे ऐसा करते है। उन्हें घोर पाप लगता है। उसके साथ साथ उनके माता पिता को भी पाप लगता है।आज जो बच्चे संस्कार से विमुख हो रहे है उस में सबसे ज्यादा हाथ उनके माता पिता का है। कभी भी माता पिता ने उन्हे भगवान का एव संतो का सत्यसंग नही कराया।।किसी भी वर्ण या जाति के व्यक्ति हो वो अपनी समाज में ही बेटी बेटों का विवाह करें जिस से देश की संस्कृति बची रहे।गाय की रक्षा करें सेवा करें जितना हो सके उतनी सेवा करें एक एक व्यक्ति को संकल्प लेना चाइए की हमे धर्म की रक्षा करनी है तो गौ माता की सेवा करनी ही होगी। एव देश की संस्कृति बचाना है। तो बच्चो में संस्कार डालें।