हेमेंन्द्रनाथ तिवारी उज्जैन
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर सोसाइटी ऑफ़ लाइफ साइंस द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्राणीशास्त्र विभाग ने दिनांक 16-18 सितम्बर 2022 तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया,जिसमें मुख्य रूप से मौसम के बदलाव के साथ कृषि में परिवर्तन सम्बन्धी विषय पर चर्चा की । राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन 16 सितम्बर को सुबह 10 बजे डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विज्ञानी एवं कुलपति एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा प्रोफेसर पी.वी.शर्मा थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय और सागर के डी. एफ. ओ. सुधांशु यादव थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने की।
कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश की आर्गेनिक फार्मिंग में 14 प्रतिशत का योगदान मध्य प्रदेश का है, इसी कारण मध्य प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड से भी पुरस्कृत किया है। भारत कृषि प्रधान देश होने के बाद भी अनेक कारण जैसे खरपतवार और पेस्ट के कारण आधी से ज्यादा फसल नष्ट हो जाती है, जिसके फलस्वरूप हमारे किसानों के लिए खेती का धंधा घाटे में चला जाता है। इसी कारण कृषि हमारे देश में व्यावसायिक दर्जा नहीं हासिल कर पा रही हे, यदि हमारे किसान भाई सर्कुलर इकॉनमी का उपयोग करते हुए कृषि अपशिष्ट से मशरुम उत्पादन, ओर केंचुआ खाद निर्माण के साथ आर्गेनिक फार्मिंग को अपना कर कृषि की लागत को कम करें तो कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता हैं। इस दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को सोसाइटी ऑफ़ लाइफ साइंस, द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कुलपति जी की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक है, जिनके द्वारा अनुसन्धान में किये गए महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण कृषि एवं वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में उपयोगी है। प्रोफेसर पाण्डेय ने 250 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये हैं। कुलपति जी की इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण, कार्यपरिषद सदस्यों, कर्मचारीगण एवं शिक्षकगण ने उन्हें बधाई दी।