बिना अनुमति के काॅलोनी निर्माण पर नगर परिषद नहीं देती सुविधाएं
मिथलेश मेहरा उदयपुरा/रायसेन
उदयपुरा नगर व ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य सड़क मार्गों पर जमकर अवैध काॅलोनियों का निर्माण हो रहा है। कॉलोनियों को बसाने के लिए न तो प्रशासन से अनुमति ली जा रही है और न ही अन्य खानापूर्तियों को पूरा किया जा रहा है। खास बात यह है कि कई कॉलोनाइजरों को प्रशासन ने एक साल पहले नोटिस जारी तो किए थे लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। यही वजह है कि कॉलोनाइजर बेधड़क कृषि भूमि पर प्लॉट काट रहे हैं।
उदयपुरा नगरीय सीमा के चारों और कृषि भूमि है। पुस्तैनी जमीन बंटवारे में मिलने के बाद उनके बारिशों द्वारा सस्ते दरों में काॅलोनाइजरों को थोक में जमीन बेची जाती है। इसके बाद काॅलोनाइजर प्लॉटिंग कर काॅलोनी बसाने का काम शुरू कर देते हैं। कॉलोनाइजर काॅलोनी काटने के लिए न तो डायवर्सन कराते हैं और न ही अन्य किसी प्रकार की शासकीय खानापूर्ति करते हैं। बेरोक टोक होते रहे इस व्यापार में जमकर शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है।
प्रशासन ने दिए नोटिस, कार्रवाई नहीं
नगर के चारों ओर अवैध कालोनी काटने वाले कई कालोनाइजरों को बरेली एसडीएम ने मप्र नगरीय क्षेत्र में अनुज्ञप्ति का निर्वंधन अधिनियम की धारा 15 अंग के तहत नोटिस जारी किए थे। प्रशासन की यह कार्रवाई नोटिस जारी करने तक ही सीमित रह गई। आगे की कार्रवाई नहीं हुई।
वैध कॉलाेनी निर्माण का यह है नियम
वैध कालोनी निर्माण के लिए कॉलोनाइजर के रूप में पंजीकरण होना आवश्यक है। साथ ही शहरी भूमि सीमा अधिनियम के तहत अनापत्ति मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के तहत अनापत्ति, संबंधित तहसीलदार अथवा नजूल अधिकारी से अनापत्ति, मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के तहत अनुविभागीय अधिकारी से अनापत्ति तथा भूखंड क्षेत्र की सीमांकन रिपोर्ट आवश्यक है। सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा न किए जाने पर अवैध कालोनी निर्माण अधिनियम 1982 की धारा 24 (3) और भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम की धारा 27 व 28 के तहत अपराध है।
सजा का है प्रावधान
अवैध कालोनी का निर्माण करने वाले कॉलोनाइजर को तीन से सात वर्ष का कारावास तथा दस हजार रुपए का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है। जबकि कालोनियों के निर्माण के लिए अवैध डायवर्सन के संबंध में राजस्व संहिता में परिवर्तन कर अब दो हजार रुपए जुर्माने के स्थान पर भूमि के बाजार मूल्य का 20 प्रतिशत जुर्माना कॉलोनाइजर से वसूलने का प्रावधान है।
एक दर्जन से अधिक निर्माणाधीन कालोनी
नगर के बोरास रोड,देवरी रोड,सिलवानी रोड,भोपाल रोड पर कालोनियों की बसाहट बढ़ती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग गांव में बिजली, पानी और सड़कों की समस्या को देखते हुए तहसील मुख्यालय पर प्लॉट खरीद रहे हैं। लेकिन इससे सीधा नुकसान शासन को हो रहा है।
सर्वाधिक रकबा कृषि का फिर भी घट रहा है
उदयपुरा तहसील में सर्वाधिक रकबा कृषि का है। उदयपुरा नगर के चारों तरफ हो रहे नगर के विस्तार को देखते हुए कॉलोनाइजर सक्रिय हैं। कॉलोनाइजर ओने पोने दामों में कृषि भूमि को खरीदते हैं। इसके बाद महंगे दामों पर प्लॉटिंग कर रहे हैं। इससे कृषि रकबा भी दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है।
मिली भगत से हुआ नाला संकीर्ण
पूर्व में नगर परिषद की मिलीभगत और भू माफियाओं की मिलीभगत से नाले को संकीर्ण कर दिया गया कुछ कालोनाइजर के द्वारा नाले के चारो और बॉउंड्री वाल उठा दी है जिससे कई बार नगर उदयपुरा में बाढ़ जैसे हालात बन जाती है इसमें नगर परिषद और राजस्व अधिकारियों की भी मिली भगत रही है ।
इनका कहना है-
कलेक्टर महोदय को कार्यवाही के अधिकार है यदि शिकायत आती है कलेक्टर महोदय के निर्देशन में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
–प्रमोद गुर्जर एस डी एम बरेली