सत्येंद्र जोशी रायसेन
रायसेन जिले में पिछले दिनों हुई अत्याधिक बारिश से हुए नुकसान के बाद मेंटेनेंस कार्य में लगी है बिजली वितरण कंपनी, सिधारीकरण पर अब तक 35 लाख रूपए खर्च हो चुके है।
15 दिन पहले हुई अत्यधिक बारिश के चलते बाढ़ से बिजली वितरण कंपनी को करोड़ों की क्षति हुई है। जिले में बिजली के कई पोल बेतवा के बहाव से आढे हो गए हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर 14 केवी विद्युत पोल दलदल में फंसे पड़े हैं, तो कहीं ट्रांसफार्मरों की हालत ठीक नहीं है। बिजली वितरण कंपनी द्वारा अब तक 561 नए बिजली के पोल बदले गए हैं। वहीं 176 ट्रांसफार्मरों को बदला गया है।
रायसेन जिला मुख्यालय पर बिजली वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी धर्मेंद्र कौशिक जनरल मैनेजर बताते हैं कि हमारी पहली प्राथमिकता यही होती है कि पुराने ट्रांसफार्मरों को रिप्लेसमेंट किया जाए। जब ठीक नहीं होते हैं, तब ही नए ट्रांसफार्मर या पोल लगाए जाते हैं। बारिश से अत्यधिक क्षति हुई है। इसका आकलन किया जा रहा है। अब तक कराए गए काम पर 35 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। हम बता दें आपके लिए कि बिजली वितरण कंपनी कंपनी को सबसे अधिक नुकसान बेतवा किनारे लगे बिजली के पोल को हुआ है इसके अलावा बाड़ी, बरेली क्षेत्र में भारी क्षति होने बताई जा रही है।
बाड़ी में 24 घंटे बाद हुई थी बिजली बहाल
रायसेन जिले के बाड़ी में बरना डैम का जलस्तर बढ़ गया था वहीं आसपास की नदियों ने बाड़ी के आसपास कई गांवों को घेर लिया था। या यूं कहें कि बारिश के हालात ऐसे थे कि पूरे खेत डैम की तरह नजर आ रहे थे। इससे कई बिजली के खंबे दिखाई नहीं दे रहे थे। ट्रांसफॉर्मर डूब गए थे। 33 केवी लाइन डूब गई थी। 3 दिन तक हालात बहुत ही बुरे रहे। बाड़ी क्षेत्र के ग्रामीण अधिकारी मनोज जायसवाल पूरी स्थिति पर नजर रखे रहे और पानी में भीगते हुए बाड़ी आदि जहां बिजली शुरू हो सकती है शुरू कराने के प्रयास करते रहे। 24 घंटे बाद पूरी तरह से बिजली व्यवस्था सुचारू कर दी गई थी। इस क्षेत्र में लाखों की क्षति हुई है। बिजली वितरण कंपनी अभी भी मेंटेनेंस कार्य में लगी है। जानकारी मिली है कि बाड़ी क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से अत्यधिक ट्रांसफार्मर जले हैं। इनमें से तीन ट्रांसफार्मर फट गए थे। जिनका आयल निकल गया था। इसके अलावा 30 ट्रांसफार्मर जो पूरी तरह से खराब हुए हैं इनको बदला गया है।
बिजली कंपनी की कलेक्टर ने भी की प्रशंसा
जिस दिन अत्यधिक बारिश हुई थी। उसके दूसरे दिन सुबह से बिजली नहीं थी। जिला कलेक्टर अरविंद दुबे, एसपी विकास कुमार सहवाल, एसडीएम एलके खरे, तहसीलदार अजय पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा, टीआई आशीष सप्रे, बिजली वितरण कंपनी के अधिकारी धर्मेंद्र कौशिक, राजेश दुसाद, बीवी तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, संजय पटेल धनंजय आदि राहत कार्य में लगे थे। वहीं बिजली वितरण कंपनी के कर्मचारी किसी तरह चाहते थे कि बिजली आ जाए। कलेक्टर का भी मानना था कि बिजली शाम तक आ जाए कहा नहीं जा सकता। क्योंकि रायसेन जिला मुख्यालय पर बिजली सबस्टेशन में 4 फीट पानी था। जिसकी निकासी के लिए रायसेन में नगरपालिका को बोला जा रहा था। नगर पालिका की जेसीबी उस समय शहर में पानी की निकासी में लगी हुई थी। फिर बिजली चालू क कराना वितरण कंपनी को मुश्किल लग रहा था। टीआई और बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने उम्मीद नहीं छोड़ी भीगते हुए पानी में सब स्टेशन पर दिनभर मौजूद रहे फिर किसी तरह देवनगर से जेसीबी को बुलवाया और पानी निकलवाया। बड़ी खुशी की और प्रशंसा की बात है की शाम को 7:00 बजे पूरे रायसेन शहर की बिजली चालू कर दी गई।
भोपाल में 24 घंटे बाद शुरू हुई थी बिजली
रायसेन शहर के सबस्टेशन को डूबने के उपरांत भी सभी सप्लाई फीडर्स चालू कर दिए गए थे जबकि भोपाल में हालात ऐसे रहे की वीवीआईपी एरिया मैं भी बिजली चालू नहीं हुई थी। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी श्यामला हिल्स भोपाल में अंधेरा था। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुद स्थिति को संभालना पड़ा था।
फाइल चित्र
बारिश के समय 4 फीट डूब गया था रायसेन का सब स्टेशन