विश्व ऐतिहासिक स्थल पर ट्रेनों के स्टापेज करना भूला रेलवे प्रशासन,स्टापेज के ज्ञापन देने के बाद भी नहीं जागा रेल प्रशासन
देवेंद्र तिवारी सांची
राज्य व केंद्र सरकार लगातार इस विश्व विख्यात स्थल की कायापलट करने तथा इस स्थल को इसके अनुरूप ढालने का बीड़ा उठा रखा हो तथा इस स्थल पर देशी विदेशी पर्यटकों को लुभाने हर क़दम उठाए जा रहे हों परन्तु इस स्थल पर पहुंचने के लिए ट्रेनों का स्टापेज न होने से सरकारों की मंशा बेमानी साबित होती दिखाई दे रही है अनेकों बार स्टापेजो को लेकर मंत्रियों से लेकर रेलवे के जिम्मेदारों को ज्ञापन देकर मांग की जा चुकी है परन्तु अड़ियल रेलवे प्रशासन इस स्थल की सुध नहीं ले पा रहा है जिससे लोगों में रोष बढ रहा है।
जानकारी के अनुसार यह स्थल विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाये हुए हैं तथा इस स्थल की विश्व भर में पहचान मजबूत करने केलिए देश के प्रधानमंत्री ने भी अपनी रूचि तब बताई जब इस स्थल की प्रसिद्धि को देखते हुए इस स्थल को इसके अनुरूप ढालने तथा इस स्थल पर देश विदेश के पर्यटकों की संख्या में और अधिक वृद्धि करने केलिए दौ सो रुपए के नोट पर यहां की ढाई हजार साल पुरानी विरासत को अंकित कर दिया जिससे विश्व भर में इस स्थल का नाम पहुंच गया तब नगर वासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा तथा लोगों ने तब प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया था । पूर्व में इस स्थल पर ट्रेनों के स्टापेज हुआ करते थे ।तब पर्यटकों को इस स्थल तक पहुंचने में सुविधा रहती थी परन्तु दुर्भाग्यवश देशभर में कोरोना महामारी ने अपने पैर पसार लिए थे तब सुरक्षा की दृष्टि से इस ऐतिहासिक स्थल की प्रसिद्ध धरोहरों के दर्शन पर भी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए थे तब इस नगर में सन्नाटा पसरा दिखाई देने लगा था तथा सरकारों के प्रयास से इस महामारी पर काबू पाने में सफलता प्राप्त कर ली एवं सभी प्रतिबंध हटा लिये गये तब से ही इस स्थल की प्रसिद्धि को लेकर रेलवे विभाग पूरी तरह भूल चुका ।
तथा यहां आने वाले पर्यटकों की भी भारी गिरावट आई जिससे न केवल पर्यटकों की संख्या कम हुई बल्कि सरकारों को होने वाली आय भी कम हो गई तथा स्वयं रेलवे विभाग की खासी आमदनी भी कम हो गई इतना ही नहीं इस स्थल पर छोटे बड़े व्यवसाई भी हाथ पर हाथ रखकर बैठ गये तथा इसका सीधा असर यहां से शिक्षा प्राप्त करने दूरदराज जाने वाले छात्रों पर भी दिखाई दिया इसके साथ इस स्थल पर शासन को सेवा देने वाले अधिकारी कर्मचारियों को भी इस स्थल तक पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई जिसका सीधा असर नगर में रोजी रोटी चलाने वालों के पालन पोषण पर भी दिखाई दिया । जहां नगर में आने वाले पर्यटकों की खासी संख्या रहतीं थीं वह शून्य पर पहुंच गई तथा इस स्थल पर आने जाने वालों को बसों पर निर्भर होना पड़ा जिससे समय की बर्बादी तथा मनमाने किराये के रूप में राशि भी ख़र्च करनी पड़ी तथा यहां आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा न मिलने से इस स्थल से दूरी बनाए रखी जाने लगी । इस स्थल पर नागरिकों छात्रों व्यवसायियों तथा अपडाउनर्सो की समस्या को लेकर सैकड़ों बार इस स्थल पर आने वाले राजनीतिक पदाधिकारी मंत्रियों रेलवे प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इन समस्या को लेकर तथा विभिन्न ट्रेनों के स्टापेज की मांग की जाने लगी तथा सैकड़ों बार ज्ञापन भी सौंपे गए परन्तु इन ज्ञापन को रेलवे प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया तथा इस स्थल पर स्टापेज की मांग को दरकिनार कर दिया गया । जिससे लगने लगा कि रेलवे प्रशासन जहां इस स्थल पर स्टापेज की समस्या को हल करने गंभीर नहीं हो पा रहा बल्कि प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री के मंसूबे भी सफल नहीं होने देना चाहते जिससे इस स्थल को सुविधा उपलब्ध हो सके साथ ही लोगों को रोजगार मिल सके तथा स्वयं रेलवे को आय बढ़ सके इतना ही नहीं छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा हो तथा यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सके तथा यहां आने वाले अपडाउनर्स ही लाभान्वित हो सकें । इस विख्यात स्थल के लोगों में भी रेलवे प्रशासन की इस उपेक्षित नीति के चलते रोष व्याप्त हो चला है । परन्तु रेलवे के जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं दिखाई देता है । अब फिर नगर के प्रमुख लोगों ने रेलवे प्रशासन को ज्ञापन देने की योजना बनाई है तथा उसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री को भी भेजने की तैयारी की है इनमें शामिल पूर्व नप अध्यक्ष श्याम बाई मेहरा आर एस यादव वरिष्ठ नेता जवाहर सिंह चौहान डा भुजवल सिंह पूर्व पार्षद रतनलाल जायसवाल वरिष्ठ समाजसेवी सीएल तिवारी पूर्व नप अध्यक्ष सुशीला पप्पू रेवाराम संजय शाहनी बीएन पाठक बाबूलाल अहिरवार गुरुदयाल सिंह सहित अनेक लोग हैं ।