पूर्व मंत्री केपी सिंह ने स्वीकार किया कि उन्हें जनादेश नहीं मिला धनबल से जीता भाजपा ने नपा पार्षदों का चुनाव
संजय बेचैन शिवपुरी
आज अल्प प्रवास पर शिवपुरी आये कांग्रेस के कद्दावर नेता केपी सिंह के बयान के बाद शिवपुरी की राजनीति में उबाल आ गया है वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए नगरपालिका अध्यक्ष बनाने की राह आसान होती नजर आ रही है। पत्रकारों से बात करते हुए आज पूर्व मंत्री केपी सिंह ने संकेत दिया कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव से कांग्रेस दूर रहेगी। उन्होंने कहा कि जनता ने जब हमें जनादेश नहीं दिया, तो अध्यक्ष का चुनाव लडऩे का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत, जनपद पंचायत सहित नगर पालिका पार्षदों के चुनाव में भाजपा ने धन बल का उपयोग कर बहुमत प्राप्त किया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार आना निश्चित है। केपी के बंगले पर कांग्रेस के 10 पार्षद मौजूद रहे। अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहे चुनाव से केपी नाखुश नजर आये और इन्हें जनता के साथ छलावा बताया
पत्रकारों से चर्चा करते हुए केपी सिंह ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि नगर पालिका, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के चुनावों में इस बार धन बल का बहुत उपयोग हुआ है। धन बल के सहारे चुनाव जीते गए हैं और इस तरह की जीत जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती। उन्होंने कहा कि नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव भी सीधे मतदाताओं द्वारा होने चाहिए थे। इसपर उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष चुनाव के लिए अध्यादेश तो कांग्रेस ही लाई थी, तो उन्होंने कहा कि उस समय परिस्थिति अलग थी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अपने पार्षदों को फ्री हेंड देगी और उन्हें स्वतंत्र छोडेगी कि वह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में जिसे ठीक समझते हैं, उसका समर्थन करें।
केपी सिंह ने कहा कि जिला पंचायत में भी कोंग्रेस तो बाहर ही है क्योंकि कोंग्रेस के प्रत्यासी जीते हैं लेकिन अध्यक्ष पद पर पूँजी लगाने वाला कोई नहीं है आज हम अध्यक्ष बनाने की स्थिति में नहीं हैं । उन्होंने कहा की इन चुनावों का जिस तरह का महोल हो गया है उससे ये संदेश जा रहा है कि अर्थ की व्यवस्था से ही आप किसी पद पर आ सकते हैं आपके पास पूँजी नहीं है तो आप पद का सोच भी नहीं सकते ये आने वाले समय में घातक होगा एसभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर बदलाब के लिए चिंता करने की जरुरत है।