देवेन्द्र तिवारी सांची रायसेन
सांची मे विकास कार्यों का सिलसिला जारी है, लेकिन इसके साथ ही कई विवाद भी उभरकर सामने आ रहे हैं। इस नगर में जब जब विकास शुरू हुआ तब तब कहीं न कहीं विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है।
जानकारी के अनुसार हाल ही में, राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे नगर परिषद प्रशासन द्वारा लगभग दो किलोमीटर लंबे नाले का निर्माण कार्य शुरू किया गया, जिसकी लागत लगभग दो करोड़ 78 लाख रुपये है। हालांकि, यह निर्माण भी विवाद के घेरे में आ गया है। वार्ड नंबर 15 के पार्षद और कुछ स्थानीय निवासी इस निर्माण पर आपत्ति जता रहे हैं। तथा दुकानों से नाले की दूरी रखने की मांग पर अडे हुए हैं इस नाले का निर्माण लंबे अरसे से अधर मे लटका हुआ था जैसे तैसे निर्माण शुरू किया गया तो विवाद के घेरे मे आ गया । इस नाले निर्माण की जद मे बिजली के खंबे आ गए तो कुछ लोग लंबे चौडे क्षेत्र पर काबिज हो गया ।अब इस नाले की जद मे आने वालों को इस निर्माण से हटने पर मजबूर होना पड रहा है ।इस नाले निर्माण से गुलगांव चौराहा सहित आसपास क्षेत्र के दुकानदार हटने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे हैं ।हालांकि इस नाले निर्माण से बरसात में लोगों के घरों में पानी घुसने से छुटकारा मिल सकेगा ।इस नगर में जब जब विकास की गाडी चली तब तब कहीं न कहीं कोई विवाद उभरते दिखाई देने लगे ।
इसी तरह, वार्ड नंबर 12 में काछीकानाखेड़ से नागोरी तक सीसी रोड का निर्माण भी विवादास्पद बन गया है। यह निर्माण कार्य करोड़ों रुपये की लागत से प्रस्तावित है, लेकिन विवाद के कारण इस परियोजना मे भी रोडा अटकने लगा प्रशासन की लाचार स्थिति यह दर्शाती है कि विकास कार्यों के बीच स्थानीय विवादों ने समस्या को और जटिल बना दिया है।हालांकि इस विवाद को अतिरिक्त तहसीलदार ने लोगों को समझाइश दी परन्तु विवाद थमता दिखाई नहीं दिया ।
इस स्थिति में प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वह इन विवादों को सुलझाते हुए विकास कार्यों को सुचारू रूप से पूरा कर सके। साथ ही, इन विवादों को हल करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और निवासियों से संवाद बढ़ाने की आवश्यकता भी महसूस हो रही है, ताकि सांची का विकास विवादों से बचते हुए एक नई दिशा में आगे बढ़ सके।परंतु प्रशासन की लचीलापन भी विकास की बाधा दूर नहीं कर सका ।
दूसरी ओर, यह सवाल भी उठता है कि क्या विकास कार्यों की योजनाओं को पहले से उचित सामुदायिक समझ और सहमति के बिना लागू किया जाना उचित है। प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास कार्यों से पहले सभी हितधारकों की सहमति ली जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार के विवादों से बचा जा सके।
इस मामले में इनका कहना है-
हमारी मांग है कि नाला निर्माण एक ओर से किया जाये तथा इस निर्माण से निर्मित क्षेत्र में आने वाले गरीब गुरबाओ के रोजगार को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए इस निर्माण के संबंध में हमनें उपयंत्री से एवं सीएमओ से भी चर्चा कर राष्ट्रीय राजमार्ग की जद मे आने की संभावना व्यक्त की है जिससे निर्माण के नाम पर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा सडक निर्माण होने से संस्था की राशि को पलीता लग जायेगा । तथा निर्माण स्थल मे परिवर्तन कर निर्माण हो तथा निर्माण की गुणवत्ता बेहतर हो ।
-विवेक तिवारी पार्षद वार्ड नं15 नप सांची
इस निर्माण को लेकर हमने सभी से विचार विमर्श किया जा तथा सभी की सहमति से निर्माण कार्य किया जा रहा है कहीं कोई रुकावट आ रही है हम पुनः चर्चा कर समस्या को निपटा लेगे ।
–सीएल चौरे उपयंत्री नप सांची