नई गाइडलाइन अनुसार मुआवजा देने की मांग
शरद शर्मा बेगमगंज रायसेन
मध्य प्रदेश के सागर जिला अंतर्गत जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना बांध के डूब क्षेत्र से रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील के प्रभावित निजी भूमि के कृषकों को उचित मुआवजा प्रदान करने एवं परियोजना की आवश्यकता पर पुनः विचार हेतु किसानों ने कलेक्टर एवं भु अर्जन अधिकारी एसडीएम सौरभ मिश्रा के नाम का ज्ञापन सौंपा।
आपको बता दें कि जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना अन्तर्गत परियाजना प्रशासक बीना पीएमयू जल संशाधन विभाग सागर द्वारा जेरा बांध के निर्माण एवं डूब क्षेत्र से प्रभावित होने वाली निजी भूमि स्थित ग्राम नयानगर, बांसादेही, झिरपानी, जमुनिया जामसा, भोजपुर तिनघरा, लखनपुर एवं सूजा वीरान तहसील बेगमगंज का अर्जन किया जा रहा है एवं ग्राम नयानगर का अवार्ड पारित किया जा चुका है। नयानगर के अवार्ड से जानकारी हुई है कि प्रतिकर का निर्धारण मात्र गाईड लाईन मूल्य के आधार पर किया जा रहा है एवं अर्जन के पूर्व अर्जित की जा रही भूमि की वास्तविक कीमत ज्ञात करने हेतु कोई प्रक्रिया नही की गई, एवं वर्ष 2023-24 की गाइडलाईन के आधार पर मुआवजे की गणना की गई है जबकि वर्ष 2024-25 में गाइड लाईन के मूल्य में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो कि अर्जित भूमि के संबंध में अन्यायपूर्ण है। भू अर्जन के पूर्व भूमि की वास्ताविक कीमत ज्ञात कर गाइडलाईन मूल्य को अद्यतन किया जाना चाहिए। अर्जित भूमि की कीमत में भू अर्जन अधिनियम 2013 की मंशा अनुसार गुणा किए जाने वाला कारक मात्र एक निर्धारित किया गया है। उक्त कारक को दो निर्धारित केन्द्रीय परियोजना के अनुसार किया जाना चाहिए।
भू अर्जन अधिनियम 2013 के अन्तर्गत सामाजिक समाघात निर्धारण अध्ययन नही किया गया है कई कृषक पूर्णतः भूमिहीन होने के पश्चात् अपना जीवन यापन किस आधार पर करेगें, इसका कोई प्रावधान नही है। पूर्ण रूप से भूमिहीन कृषक को भले ही मकान डूब क्षेत्र में ना हो परन्तु मकान की राशि एवं बदले में भूमि अथवा जीवन यापन हेतु शासकीय नौकरी का प्रबंध किया जाना चाहिए। जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना वास्तव में पूर्ण रूप से अव्यवहारिक होकर कई गांवों की उपजाऊ कृषि भूमि को खत्म करने की परियोजना है। सागर जिला की भूमि को सिचिंत करने हेतु तहसील बेगमगंज की भूमि को अर्जित किया जा रहा है, जो पूर्णतः अनावश्यक है।
संपूर्ण परियोजना में नाम मात्र की शासकीय भूमि का अर्जन हो रहा है एवं अत्याधिक मात्रा में निजी भूमि के कृषक भूमिहीन हो रहे है।
किसानों ने मांग की है कि डूब क्षेत्र से प्रभावित निजी भूमि के कृषकों को उचित मुआवजा प्रदान करने हेतु अर्जित भूमि की वास्तविक कीमत का अध्ययन कर गाइडलाईन मूल्य अपडेट करते हुए निर्धारित कीमत में दो का गुणा कर पारित कर मुआवजा प्रदान किया जाए