विजय सिंह राठौर
मप्र राज्य शिक्षा केंद्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने नए स्कूली सत्र 2022-23 से आठवीं कक्षा की पुस्तक में भगवान परशुराम की जीवनी व एकांकी के रूप में यातायात नियम सिखाए जाएंगे। बीते परशुराम जयंती पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परशुराम जी की जीवनी स्कूल पाठ्यक्रम में पढ़ाने की घोषणा की थी। परशुरामजी की जीवनी को कक्षा आठवीं में और यातायात नियमों की एकांकी कक्षा सातवीं की हिंदी भाषा में पढ़ाए जाने में को लेकर नया पाठ तैयार कराया जा रहा हैं।
खरगोन निवासी डॉ. भागीरथ कुमरावत, पूर्व उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल एवं सदस्य पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तक स्थायी समिति, राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल के स्थायी वरिष्ठ सदस्य डॉ. भागीरथ कुमरावत ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आगामी स्कूली सत्र 2022-23 से भगवान परशुरामजी की जीवनी व बच्चों को यातायात नियम पढ़ाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष परशुराम जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परशुरामजी की जीवनी स्कूल पाठ्यक्रम में पढ़ाने की घोषणा की थी। जिसके बाद भगवान परशुराम की जीवनी को कक्षा आठवीं में और यातायात नियमों की एकांकी कक्षा सातवीं की हिंदी भाषा में पढ़ाए जाने में को लेकर पाठ तैयार कराया।
परशुरामजी की जीवनी में अन्याय से लड़ने की कहानी
आठवीं कक्षा की हिंदी में भार्गव परशुराम के नाम से 2 पेज की जीवनी है। इसमें उनके भार्गव परशुराम से अन्याय, आतंक के खिलाफ संघर्ष कर भगवान परशुराम बनने की कहानी है। उनके प्रेरक सामाजिक काम है। पाठ में ऋषि -जमदग्नि के आश्रम में सहस्त्रार्जुन के प्रसंग का जिक्र है। इसमें उल्लेख है कि राजा गाय के दूध से बने व्यंजन से सत्कार से प्रभावित होकर गायों को ही बलपूर्वक ले गए। यह महेश्वर से जुड़ी हुई है।