रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा कर रहे अतिथि विद्वानों की रहेगी सेवा जारी
भोपाल। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस एवं शेष 13 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में प्राचार्यों/प्रभारी प्राचार्यों,प्राध्यापकों,सह प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों के पदांकन हेतु राज्य शासन द्वारा जारी संशोधित दिशा निर्देश उच्च शिक्षा विभाग ने वाकायदा जारी कर दिया है।जो कि आयुक्त उच्च शिक्षा का पत्र क्रमांक 518/148/आउशि/निर्माण/2024 दिनांक 8/7/2024 का जिक्र किया गया है।जिसके आधार कर पूर्व से कार्यरत प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य,प्राध्यापक,सहायक प्राध्यापक आवेदन कर सकते हैं।इसके लिए अनुभव,पब्लिकेशन, पीएचडी आदि को अनिवार्य किया गया है।जिनके ख़िलाफ़ eow या किसी और अनियमितताओं की जांच चल रही है वो पात्र नही होंगे।इसमें गोपनीय प्रतिवेदन के मार्क्स होंगे कई खंडों में एवं 20 नम्बर का इंटरव्यू अनिवार्य किया गया है।फॉम अप्लाई करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग की साइट में जाकर किया जाएगा।
सार्थक एप तो ठीक पर अतिथि विद्वानों के लिए सार्थक नीति कब?:-महासंघ
वही रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानो की सेवा पूर्व नियमों के अनुसार जारी रहने का भी आदेश जारी किया गया है जिस पर अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने बयान जारी करते हुए कहा कि सार्थक एप तो ठीक है अतिथि विद्वानों को इससे कोई आपत्ति नहीं है पर सार्थक नीति सरकार कब बनाएगी।पीएमश्री कॉलेज हो या स्वशासी कॉलेज,प्रदेश के सभी कॉलेजों को अतिथि विद्वान ही संचालित करते हैं पर सरकार का दोहरा मापदंड समझ से परे है।सरकार को संज्ञान लेना चाहिए एवं अतिथि विद्वानों के हित मे फिक्स वेतन एवं स्थाई/नियमित/समायोजन कर उचित निर्णय करना चाहिए।
इनका कहना हे –
प्रवेश,प्रबंधन,अध्यापन,मूल्यांकन,नैक,रूसा आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान ही करते हैं।कई कॉलेजों में प्राचार्यो का दायित्व भी निभा रहे हैं।पर दुर्भाग्य है कि आज भी अतिथि विद्वान अतिथि ही रह गए।पीएमश्री कॉलेज हो या कोई भी कॉलेज हो वो अतिथि विद्वानों के भरोसे ही चल रहे हैं फिर भी अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित नहीं।सरकार को एवं शीर्ष अधिकारियों को तत्काल अतिथि विद्वानो के हित मे निर्णय लेना चाहिए।
डॉ देवराज सिंह प्रदेश अध्यक्ष,अतिथि विद्वान महासंघ