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ई-रिक्शा से सप्लाई, हजारीबाग में सील लिफाफे से छेड़छाड़… जानिए नीट पेपर लीक की नई कहानी

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नीट का पेपर कहां से लीक हुआ है इसे लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट एग्जाम सेंटरों की छानबीन कर रही है. आर्थिक अपराध यूनिट (EOU) की टीम बिहार से लेकर झारखंड तक जांच में जुटी हुई है. पिछले दिनों टीम झारखंड के हजारीबाग में स्थित ओएसिस स्कूल भी गई थी और प्रबंधन से पूछताछ की थी. टीम को आशंका है कि ओएसिस स्कूल में भेजे गए नीट एग्जाम के सील क्वेश्चन पेपर के साथ छेड़छाड़ की गई है. अब इस पूरे मामले पर ओएसिस स्कूल के प्रबंधक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम जानकारी दी है.

ओएसिस स्कूल के प्रबंधक एहसान उल हक ने बताया कि बीते दिन आर्थिक अपराध यूनिट की टीम उनके यहां पहुंची थी. नीट पेपर लीक को लेकर उनसे पूछताछ की. उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान टीम ने उन्हें यह बताया कि बंद बक्से में आए सील क्वेश्चन पेपर के पैकेट से प्रोफेशनल तरीके से छेड़छाड़ की गई है. सील पैकेट के नीचे से छेड़छाड़ हुई है. सील लिफाफे के निचले हिस्से को बहुत सफाई से खोला गया और फिर उसे चिपका दिया गया. ताकि आम आदमी की नजर से देखने पर कुछ अलग न दिखे.

जांच टीम को नहीं मिली रिसीविंग की कॉपी

एहसान उल हक ने आगे बताया कि आर्थिक अपराध यूनिट की टीम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी गई थी. जहां से ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के जरिए क्वेश्चन पेपर को सेंटर पर तक भेजा गया था. बैंक वालों से भी पूछताछ हुई थी और उनसे रिसीविंग की मांग की गई, लेकिन वो उपलब्ध नहीं करा सके. बैंक के कर्मचारी यह नहीं बता पाए कि क्वेश्चन पेपर को कौन लेकर आया था और सेंटरों पर उसे कौन रिसीव किया.

कूरियर सर्विस से भी हुई पूछताछ

बैंक के बाद टीम हजारीबाग के कोर्रा थाना क्षेत्र में स्थित ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के ऑफिस भी गई थी. टीम ने वहां से रिसीविंग बरामद की. प्रबंधक ने बताया कि ई रिक्शा के जरिए कोरियर सर्विस ने सील क्वेश्चन पेपर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पहुंचाया था. इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं बीच रास्ते में सील क्वेश्चन पेपर के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है.

प्रबंधक का दावा- हमें 15 मिनट पहले मिला पेपर

स्कूल के प्रबंधक ने दावा किया कि उन्हें एग्जाम शुरू होने से 15-30 मिनट पहले क्वेश्चन पेपर उपलब्ध कराए गए थे. पटना में पकड़े गए लोगों को लेकर एहसान उल हक ने कहा कि वहां पकड़े गए छात्रों ने कबूल किया है कि क्वेश्चन पेपर उन्हें एग्जाम से पहले ही मिल गए थे. रात में ही प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए थे.

ऐसे में हमारे स्कूल से पेपर लीक होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि, यह जांच का विषय है. हम इस मामले में आर्थिक अपराध यूनिट टीम की हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं. मैं भी यही चाहता हूं कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि आगे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जा सके.
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