साँची रायसेन से देवेंद्र तिवारी
सांची में मुस्लिम समाज ने तीस दिन के रोजे पूरे करने पर खुशी के रूप में तथा अल्लाह से इनाम मिलने की खुशी में मुख्य ईदुल फितर का त्योहार मनाया सैकड़ों लोगों के साथ एक साथ उठे मांगी अल्लाह से मुल्क में अमन चैन की दुआ एक दूसरे को गले मिलकर दी मुबारकबाद ।
जानकारी के अनुसार ईदुल फितर का पर्व मुस्लिम समाज का एक खास पर्व माना जाता है इस पर्व के पहले एकमाह तक समाज के लोग रोजा रखते हैं तथा गरीब बेबस बेसहारा लोगों का सहारा जकात सदका फितरा निकाल कर उन्हें भी इस त्योहार की खुशी में शामिल करते हैं तथा तीस पूरे रोज़े रखने के बाद ईदुल फितर का पर्व मनाया जाता है बताया जाता है कि जब तीस रोजे व पूरे महीने इबादत की जाती है तब ईदुल फितर का पर्व मनाया जाता है सभी मुस्लिम समाज के लोग मस्जिद में इस खास नमाज़ को अदा करने सुबह से ही पहुंचने लगते हैं इस अवसर पर हाफिज मकसूद साहब ने अपने बयान में कहा कि यह त्योहार एक इनामी त्योहार होता है अल्लाह से अपनी मग्फिरत तथा अपने मरहूमो की मग्फिरत के लिए दुआ करते हैं आज हम ईद मनाने इकठ्ठा हुए हैं हमने जैसे इस एक महीने में इबादत की ही वैसे ही पूरी साल करते रहना चाहिए उन्होंने कहा अल्लाह अपने बंदे की इबादत का सिला आज इनाम चुकाकर देता है हमने अल्लाह की एक महीने मजदूरी की है आज वह खुशी का दिन है जिसदिन अल्लाह हमें हमारी मजदूरी अता करेगा उन्होंने कहा किसी का बुरा मत सोचो न ही किसी का बुरा करो हमेशा सच बोलों तथा अपने पड़ोसी मुहल्ले गांव शहर में हर वक्त मदद करते रहो अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़े रहो इससे दुनिया तो संवरेगी ही साथ में आखिरत भी संवर जाएगी । इस अवसर पर हाफिज अफसर साहब ने ईदुल फितर की नमाज अदा कराई तथा अपनी दुआ में उन्होंने अल्लाह से गरीबी दूर करने तथा मुल्क में अमन चैन बना रहे मुल्क पर आने वाली हर मुश्किल से हिफाजत करे बीमारी से छुटकारा मिले हर तरहा के प्राकृतिक प्रकोपों से हिफाजत हो हर सरसब्ज आदमी हमेशा गरीबों को मदद करे के साथ हाथ उठाकर दुआ मांगी गई । इसके उपरांत सभी ने एक दूसरे के गले मिलकर मुबारकबाद दी । इस अवसर पर नगर में नमाज से लौटने वाले मुस्लिम समाज के लोगों का नगर के जाने माने पूर्व पार्षद रतनलाल जायसवाल ने फूल मालाओं से स्वागत करते हुए गले मिलकर बधाई दी ।