सड़क किनारे खड़े रहते हे ट्रेक्टर – ट्राली आये दिन इनसे टकराकर होती हे दुर्घटनाएं
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
दीवानगंज सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर ट्रालियो का धड़ल्ले से हो रहा है व्यवसायिक उपयोग,
सड़क किनारे सामग्री से भरी ख़ड़ी ट्रालियां बन रही हादसे का कारण कृषि कार्य में उपयोग आने वाली ट्रैक्टर ट्राली का जमकर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहाहै। कृषि कार्य के लिए पंजीकृत होने वाली ट्राली माल बाहक बन चुकी है। नगर से प्रति दिन अनेको ट्रैक्टर ट्रालियां रेत, गिटटी, मुरम, किराना,सीमेट,लोहा आदि सामग्री लेकर किराए से गांव गांव जा रही है। लेकिन स्थानीय प्रषासन के द्वारा व्यवसायिक उपयोग करने पर ट्रैक्टर ट्राली संचालको पर कोई कार्रवाही नही की जा रही हैं, फल स्वरुप संचालक अपनी मनमानी पर उतारु है। बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर ट्राली के पास ना तो फिटनेस होता और ना ही रेडियम लगा हुआ हैं। सडक किनारे खड़ी एैसे ट्रैक्टर ट्राली से अनेको हादसे भी हो चुके है। आए दिन नगर से लेकर स्टेट हाइवे पर बेफिक्री के साथ बिना फिटनेस और विना रेडियम पट्टी के ट्रैक्टर ट्रालियां दौड़ रही हैं। जो आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। कुछ महीने पहले फैक्ट्री चौराहे दीवानगंज पर दुर्घटना में ट्रैक्टर के दो टुकड़े हो गए थे जो माल भरकर अपने गांव जा रहा था अधिकांश दुर्घटनाओं में देखा गया है कि ट्रैक्टर ट्राली में रेडियम पट्टी न होने का दुर्घटना हुईं हैं इसके बावजूद न तो ट्रेक्टर ट्राली वाले किसान जागरुक हो रहे हैं न ही पुलिस और परिवहन विभाग इन पर कोई कार्रवाई कर रहा है। अधिकांश ट्रैक्टर, ट्राली विना रजिस्ट्रेशन, बीमा व कंडम स्थिति में सड़कों पर दौड़ रहीं हैं। ट्रॉलियों पर रेडियम लगाने को लेकर पिछले दिनों पुलिस ने अभियान तो चलाया था लेकिन यह अभियान भी रस्म अदायगी बनकर रह गया है। यदि समय रहते इस महत्वपूर्ण समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
कृषि से ज्यादा हो रहा है व्यवसायिक उपयोग नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में
ट्रैक्टर, ट्रॉली का उपयोग कृषि कार्य के अलावा भवन निर्माण सामग्री, मुरम एवं गिट्टी परिवहन आदि में जमकर हो रहा है। ट्रैक्टर ट्रॉली का व्यवसायिक उपयोग होने से शासन को टैक्स के रूप में मिलने वाले राजस्व की भी हानि पहुंच रही हैं। जो गांव सड़क किनारे स्थापित है उन गांवों में अधिकांश दुर्घटनाएं इन ट्रालियों के कारण होती है। दरअसल ग्रामीण सड़क किनारे ट्रैक्टर ट्रालियाँ खड़ी कर देते हैं जो रात के अंधेरे में वाहन चालक को दिखाई नहीं देते हैं। जिस मे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।ट्रॉलियों पर रेडियम पट्टी न होने से रात के समय पीछे चलने वाले वाहन चालकों के लिए भी खतरा बना रहते हैं। संकेतक रेडियम व रिफ्लेक्टर नहीं होने के कारण वाहन सवार को ट्रालियां दिखाई नहीं पड़ती हैं जिसके कारण वाहन सवार दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। प्रशासन को गांव गांव दुर्घटनाओं की वीडियों क्लीपिंग के साथ जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। जिस से ट्रैक्टर,ट्रॉली मालिकों में जागरूकता आए और हादसो को टाला जा सके। पुलिस,परिवाहन विभाग को अपनी जिम्मेेदारी का पालन कर लापरवाही बरत रहे ट्रैक्टर ट्राली संचालको पर सख्त कार्रवाही करना होगी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन नही कर रहे है।