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श्री संकट मोचन जाखला धाम हनुमान मंदिर के भव्य निर्माण में निभाई अहम भूमिका

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रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसेन

भारत भूमि की पावन धरा पर आज भी कलयुग में साक्षात हनुमान जी महाराज विराजमान है।भक्तो की आस्था इतनी अटूट होती है।की हनुमान जी महाराज के दर्शन मात्र से सारे दुख दूर हो जाते है।ऐसा हम नही बहुत से ऐसे उदाहरण है।एक ऐसा ही दरबार है।श्री संकट मोचन जाखला धाम हनुमान मंदिर जो रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा की मंडीदीप नगर पालिका के वार्ड 25 में स्थित है।नेशनल हाइवे 45 से रेलवे लाइन के पास इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।यह मंदिर भक्तो की अटूट आस्था का केंद्र बन रहा है।मंगलवार और शनिवार को भक्तो की लगती है भारी भीड़ सुबह 6 बजे से ही भक्तों का यहां आना शुरू हो जाता है।

मंदिर निर्माण में कुछ भक्तो की है अहम भूमिका

इस भव्य मंदिर के भव्य निर्माण में नाना खेड़ी के पटेल समाजसेवी भाजपा नेता माखन सिंह परमार जो की समाज में एक अलग ही पहचान रखते है।जिनके द्वारा 51 हजार की राशि निर्माण में दी है। इकलामा निवासी रजनीश नागर उद्योगपति समाजसेवी जिनकी उम्र कम है। पर नागर समाज में एक ऐसा नाम जो समाज में एक अलग ही पहचान रखते है।इनके द्वारा 2 लाख की राशि मंदिर निर्माण में दी है।मंडकासियां निवासी हाकम सिंह गुर्जर व्यवसाई और गुर्जर समाज में एक अलग ही पहचान रखते है।इनके द्वारा मंदिर निर्माण कार्य में गिट्टी का महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसकी लागत लगभग 1 लाख रुपए है। मंडीदीप हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष छुट्टी चौहान व्यवसाई के साथ समाज सेवी की अहम भूमिका निभाते दिखाई नजर आते है।इनके द्वारा 1 लाख की राशि का लोहा दिया है। मंडीदीप निवासी संजय चोकसे व्यवसाई और सामाजिक कार्यकर्ता है।जो चोकसे समाज में भी अपनी एक अलग पहचान रखते है। दौलत राम कंपनी के डायरेक्टर सी पी शर्मा द्वारा लोहा और टाइल्स दी है।जिसकी अनुमानित लागत 6 लाख रुपए है ।मंडीदीप निवासी राजेंद्र धाकड़ जो की एक उद्योग संचालित करते है।इनके द्वारा 1 लाख 25 हजार का लोहा दिया है। सिमराई निवासी लक्ष्मी बाई पुत्र राजू विश्वकर्मा जो की सिविल कांट्रेक्टर है।इनके द्वारा लगभग 1 लाख 25 हजार रुपए की राशि मंदिर निर्माण में दी है।सहित लगभग 100 से ज्यादा दान दाता है।जिनके द्वारा इस भव्य मंदिर निर्माण में अपना योगदान दिया है सभी का नाम देना संभव नहीं है।

मंदिर का निर्माण और उसमे अहम भूमिका असामाजिक तत्व पैदा कर रहे व्यवधान

इस मंदिर का एक छोटा सा स्वरूप था।जिसके बाद माखन सिंह परमार लंबे समय से मंदिर से जुड़े है।जिसके बाद रजनीश नागर का मंदिर में आना हुआ।यह एक संयोग था। जैसे ही दोनो ने इस भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया जिसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ जिसके बाद आज इस मंदिर का भव्य स्वरूप देखने को मिल रहा है।पर कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा मंदिर निर्माण सहित अन्य कार्यों में व्यवधान उत्पन्न किया गया।जिसके कारण मंदिर निर्माण में समस्याएं आ रही है।

बैठक में मंदिर प्रगाण को धूम्रपान प्रतिबंधित किया गया था

आपको बता दे की कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार नशे का सेवन किया जाता है।जिसका विरोध बैठक में भी किया गया था।जिसमे आस पास के लगभग 50 से 60 लोग शामिल हुए थे। सभी ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था।पर कुछ लोगो द्वारा इसका विरोध इस लिए किया था क्योंकि यह लोग मंदिर सिर्फ नशे का सेवन करने आते है।जिसके बाद लगातार सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंदिर से दूरी बना ली थी।जिसके बाद मंदिर निर्माण में सहयोग राशि और मंदिर के निर्माण कार्य में बड़ी रुकावट पैदा हुई है।जिसका कारण है।धूम्रपान करने वाले लोग जो वहा पर धूम्रपान करते है।जिनकी खासी संख्या देखी जा सकती है।वही इसको लेकर पुलिस प्रशासन को भी जानकारी दी गई थी।

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