दूल्हा-दुल्हन के वेलकम में धुंआ निकालने में इस्तेमाल Dry Ice खुले में फेंकी, खाने से 3 साल के बच्चे की मौत
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में शादी की खुशियां उस समय मातम में बदल गई जब बर्फ समझकर ड्राई आइस खाने से 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। शादी में दूल्हा-दुल्हन के वेलकम के लिए मटकियों में ड्राई आइस (dry ice) डालकर धुआं (fog) निकाला जा रहा था। इंवेट टीम ने दूल्हा-दुल्हन के फोटो-वीडियो शूट होने के बाद आइस को खुले में ही फेंक दिया जिसे बच्चों ने बर्फ समझकर खा लिया। इससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। सभी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां एक बच्चे की मौत हो गई।
लालबाग थाना पुलिस के मुताबिक, चमाररराय टोला गांव में संतोष साहू के परिवार में शादी समारोह था। जिसमें उनकी पड़ोसन अपने 3 साल के बेटे खुशांश साहू को लेकर पहुंची थी। खुशांश स्टेज के पास ही खेल रहा था। स्टेज के पास ही ड्राई आइस बिखरी पड़ी थी। वहां खेल रहे बच्चों की नजर ड्राई आइस पर पड़ी तो उन्होंने बर्फ समझकर खा लिया। कुछ देर बाद खुशांश सहित अन्य बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उन्हें लेकर पहले गए घर पहुंचे, इस बीच खुशांश बेहोश हो गया। फिर आनन फानन में उसे राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत के बाद खुशांश के परिजन शादी समारोह वाले घर वालों पर भड़क उठे और उनके बीच विवाद की स्थिति बन गई। सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया। इसके बाद रात में ही परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण लालबाग थाने पहुंचकर गए और FIR दर्ज कराई।
मृत बच्चे के चाचा माखन साहू ने कहा कि शादी वालों और इवेंट मैनेजर या फिर फॉग तैयार करने वाले कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इनकी ही लापरवाही से ड्राई आइस स्टेज पर बिखरी हुई थी, जिसे बच्चों ने बर्फ समझकर खाया। सख्ती से कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मामले में राजनादगांव में डोंगरगांव एसडीओपी दिलीप सिसोदिया ने जांच उपरांत आगे की कार्रवाई करने की बात कही है।
बताया जा रहा है कि शादी समारोह के दौरान दूल्हा-दुल्हन के एंट्री के स्वागत के लिए मेन गेट से लेकर स्टेज तक करीब 8 से 10 मटकियां रखी गई थीं, जिसमें पहले से गर्म पानी भरा था। मटकियों में ड्राई आइस डालकर धुआं (फॉग) निकाला जा रहा था। दूल्हा-दुल्हन की एंट्री और फोटो-वीडियो शूट होने के बाद लापरवाही पूर्वक इवेंट टीम ने आइस को खुले में ही फेंक दिया था।