विदिशा। टीलाखेड़ी में पार्षद दीपक कुशवाहा एवं उनकी समस्त मित्र मंडली द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कवि एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा लायन अरुण कुमार सोनी ने बताया कि विदिशा निवासी राष्ट्रीय एवं प्रसिद्ध कवि एवं सुंदर मंच संचालक सतेन्द्र सत्यज द्वारा संयोजित विराट हास्य कवि सम्मेलन संपन्न हुआ।
जिसमें हजारों श्रोताओं ने देश के चर्चित कवियों की कविताओं का खूब आनंद लिया। इस हास्य कवि सम्मेलन का आगाज सतेन्द्र सत्यज द्वारा सरस्वती वंदना ” शब्द सुमन तेरे चरणों में अर्पित माँ, हम सब तेरे बच्चे तुझ पे समर्पित माँ ” से किया गया।
उसके बाद सत्यज के शानदार संचालन में अनुज भार्गव ने भगवान श्रीराम पर कविता सुनाई ” जगत पति कहलाए पर जग में खोए नहीं,
राम सिर्फ राम है, राम जैसा कोई नहीं। फिर कवयित्री मानसी सिंह ने नारी शक्ति पर कहा ” हे गृहणी तू बेचारी बनना छोड़, संताप हर स्वयं अपने, यूं लाचार दिखना छोड़। “उसके बाद प्रियम आर्य ने अपने शानदार काव्य पाठ में कहा “आने वाली पीढ़ी से तुम गलत कहानी मत कहना, इस खुद्दार जवानी को, गद्दार जवानी मत कहना। हास्य की शानदार कविताओं से मनीष गोस्वामी ने श्रोताओं का दिल जीता। वहीं नीतेश व्यास ने
“झूमें गली गांव चौराहे, खुशियां है हर द्वार। राम रंग की होली पूरे, देश में है इस बार।” जैसे जुगीरा सुनकर रंग जमाया तो कवि राहुल कुम्भकार ने शानदार गजल “छुपाकर रख दिया बेटी ने दस का नोट गीता में वो कहती है कि गीता खोलकर अब कौन देखेगा!
सुना कर माहौल बनाया और कवि ध्रुव शर्मा बेचैन ने देश प्रेम से प्रेरित शानदार काव्य पाठ में कहा
“हृदय अभिलाषित होकर त्यागे चित्त में बैठा काम, भारत भाग्य विधाता जग में उसके कारण श्री राम”। अंत में वरिष्ठ कवि सुरेंद्र श्रीवास्तव ने शानदार बुंदेली गजल “दो दो गाड़ी दो बंगला जा तनख्वाह में, इतनी करते कोई कमाई हद ही करदई”! से कार्यक्रम को अंजाम दिया। अंत में आभार व्यक्त पार्षद दीपक कुशवाह द्वारा किया गया।