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त्रिपुंड शिव महापुराण कथा के छठवें दिवस एक लाख श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया

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कथा स्थल पर टेंट भी कम पडा, जमीन पर धूप में बैठकर श्रोताओं ने भगवान शिव की कथा को सुना

जो व्यक्ति शिव की आराधना कर ऊपर जाता है उसे फिर पृथ्वी पर दोबारा लौटना नहीं पड़ता- पंडित प्रदीप मिश्रा

सी एल गोर

रायसेन। शोमेश्वर धाम की नगरी रायसेन में चल रही त्रिपुंड शिव महापुराण की कथा को सुनने के लिए छठवें दिवस शुक्रवार को एक लाख श्रद्धालु दशहरा मैदान पहुंचे, कथा स्थल पर लगा विशाल पांडाल एवं टेंट भी कम पड़ता नजर आया भक्तों का जब कथा स्थल पर आना शुरू हुआ तो टेंट से बाहर तक लोग कथा सुनने के लिए फर्श की चिंता किए बगैर जमीन पर ही बैठकर कथा सुनने बैठ गए । इसी को कहते हैं भगवान भोलेनाथ की कृपा और त्रिपुंड महापुराण की कथा का बखान जिसे श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का आना अपने आप में बहुत बड़ी बात है । रायसेन की पावन भूमि पर शिव महापुराण की गाथा को जिस तरह से कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज द्वारा अपने श्री मुख से कहा जा रहा है जिसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है, भगवान भोलेनाथ की कृपा से कथा स्थल पर श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है। इसी क्रम में आज शनिवार को त्रिपुंड शिव महापुराण के सातवें दिवस एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं की आने की प्रबल संभावना है, इसी दिन कथा का समापन होना है।

अगर कोई भक्त भगवान शिव मंदिर के सामने से भी मुस्कुराकर जाता है तो उस पर भी भोले कृपा करते हैं- कहा  कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने 

सुप्रसिद्ध शिव महापुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने कहां की भगवान भोलेनाथ की अपरंपार महिमा है बह थोड़ी सी ही सेवा में प्रसन्न हो जाते हैं चाहे आप एक फूल चढ़ा दो और चाहे चावल का एक दाना और एक बिल पत्र भी चढाओगे तो भी भोले प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं । भगवान शिव के मंदिर के सामने से अगर कोई भक्त मुस्कुराते हुए निकल रहा हो तो ऐसे भक्तों पर भी भगवान कृपा कर देते हैं ऐसे हैं मेरे भोले। उन्होंने शिव महापुराण की कथा का बखान करते हुए कहा कि जो लोग शिव की आराधना करते हुए ऊपर जाते हैं तो नीचे लौट कर नहीं आते अगर आपने भगवान शिव की सच्ची आराधना और पूजा अर्चना की है तो वह कभी निष्फल नहीं जाती।मनुष्य नहीं सोचता कि हम इस संसार में क्यों आए हैं और क्या कर रहे हैं अच्छे कर्म करोगे तो ऊपर भी अच्छा ही फल मिलेगा। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने हमें मनुष्य रूप दिया है मनुष्य सभी योनियों में सर्वश्रेष्ठ है हमें सोचना चाहिए कि भगवान ने हमें मानव देह दी है। भजन करना और मुस्कुराना भी भगवान ने मनुष्य को ही दिया है। महाराज जी ने क्रोध और अभिमान के बारे में कहते हुए कथा में बताया कि कभी क्रोध नहीं करना चाहिए जो काम क्रोध से नहीं होता वह प्रेम से हो जाता है, उन्होंने कहा कि जिसका मन भगवत भजन में लग जाता है तो उसके अपने आप दुख कम होना शुरू हो जाते हैं। उन्होंने भगवान परशुराम के बारे में कहा कि वह क्रोध ज्यादा करते थे जब एक बार वह भगवान शिव के पास जाते हैं और गुरु दक्षिणा जाने के लिए कहते हैं तो भगवान सब उनसे बोले क्या दोगे, इस प्रसंग को महाराज जी ने बड़े विस्तार के साथ श्रद्धालुओं को बताया और कहा कि भगवान शिव ने भी गुरु दक्षिणा में परशुराम का क्रोध मांगा था। महाराज श्री ने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा लेना जरूरी है गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। अगर आपको कोई जीवन में सही गुरु नहीं मिले तो आप महादेव भोलेनाथ को ही गुरु मानकर और उनके भजन में लग जाओ तो इससे भी कल्याण हो जाएगा। 33 करोड़ देवताओं में भगवान शिव जी ऐसे देवता हैं जो भक्तों से कुछ नहीं मांगते मांगते और भक्तों को देते ही हैं।

जो खराब सिक्का कहीं नहीं चलता वह मेरे भोले के दरबार में ही चलता है। उन्होंने कहा कि रायसेन वालों त्रिपुंड शिव महापुराण की कथा सुनाई जा रही है इसे आप सावधानी से सुनना। उन्होंने कहा कि एक समय की बात है जब पार्वती जी ने भगवान शिव से कहा कि मुझे श्मशान ले चलो और वहां जाकर भगवान शिव से उन्होंने पूछा कि मुझे अन्नपूर्णा बनना है उन्होंने पार्वती जी को बताया कि तुम मृत्युलोक में जाकर अन्नपूर्णा का अवतार लोगी और सारे संसार का भरण पोषण करोगी महाराज श्री ने कहा कि काशी जी में ही अन्नपूर्णा का एकमात्र मंदिर है इसके अलावा दुनिया में कहीं भी मां अन्नपूर्णा का मंदिर नहीं है।

अब तो हो जा मेहरबा ओ डमरु वाले….. भजन की मधुर तान पर झूम उठे हजारों श्रद्धालु

त्रिपुंड शिव महापुराण की पावन कथा में जब कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज द्वारा अपनी संगीत में धुन के साथ भजन गाया कि,,,,, अब तो हो जा मेहरबा ओ डमरू वाले इस भजन को सुनकर कथा पंडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालु झूमने को विवश हो उठे इस समय की शोभा कहीं नहीं जा रही थी भगवान भोले की भक्ति में कुछ इस तरह से भक्त रमा गए की भजन की मीठी तान पर झूम उठे।
शिव महापुराण की कथा के दौरान महाराज जी द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले भजनों की धुन पर हजारों श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमने को मजबूर होते हैं यही है भगवान भोले की महिमा।

पत्रकारों द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए महाराज श्री ने दिया धन्यवाद

दशहरा मैदान पर 3 अप्रैल से आयोजित की जा रही त्रिपुंड शिव महापुराण की पावन कथा का बखान पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज द्वारा अपने श्री मुख से किया जा रहा है, जिसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम ही है शुक्रवार को शिव महापुराण की कथा के भजन के दौरान महाराज श्री ने कथा में सहयोग प्रदान कर रहे पत्रकारों के बारे में बोलते हुए कहा कि मैं सभी को धन्यवाद देता हूं कि वह भगवान शिव की कथा को जन जन तक पहुंचा रहे हैं।

 

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