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फाल्गुन माह में क्या करें और क्या न करें? महीना शुरू होने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

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फाल्गुन महीना वैदिक पंचांग का 12 वां महीना है. हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व है क्योंकि इस माह में भगवान शिव का खास दिन महाशिवरात्रि पड़ती है. इसके साथ ही इस महीने में रंगों का पर्व होली भी पड़ती है. इस महीने में भगवान शिव, श्रीकृष्ण, माता पार्वती, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की आराधना की जाती है. माना जाता है कि इस मास में इन देवी-देवताओं की पूजा करने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि के साथ ही धन-ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है. इस माह से सर्दी कम होने लगती है और धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने लगती है. इसे फागुन माह के नाम से भी जाना जाता है. फाल्गुन माह में भगवान विष्णु से संबंधित आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है. माघ मास की तरह फाल्गुन माह में भी दान का विशेष महत्व है.

कब से शुरू होगा फागुन महीना 2024?

फाल्गुन मास की शुरुआत 25 फरवरी 2024 यानी कल से हो जाएगी. इसका समापन 25 मार्च को पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र में होगा.

फागुन महीने में क्या करें और क्या न करें?

आयुर्वेद के मुताबिक इस महीने में भोजन में अनाज का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. सोते समय ज्यादा गर्म कंबल नहीं ओढ़ने चाहिए. फाल्गुन माह श्रीकृष्ण की उपासना को समर्पित है. कहते हैं कि इस माह में की गई भगवान कृष्ण की पूजा विशेष फलदायी होती है. फागुन माह में श्रीकृष्ण के बाल, युवा और गुरु इन तीनों स्वरूपों की पूजा की जाती है.

फागुन महीने में क्या दान करें?

इस महीने में प्रयास करके शीतल या सामान्य जल से स्नान करें. इस महीने में अपनी क्षमता के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज और वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है.

वहीं, संतान प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की उपासना करें. प्रेम और आनंद की प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के युवा स्वरूप और साथ ही ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु कृष्ण की उपसना करें. फागुन माह में स्नान के जल में सुगंधित केवड़ा मिलाकर नहाएं और चंदन की सुगंध का प्रयोग करें. इससे मानसिक तनाव की शिकायत दूर होती है.

फाल्गुन महीने में किसकी पूजा करें?

इसके अलावा फागुन माह में मन के कारक चंद्रमा का जन्म हुआ था इसलिए इस महीने में चंद्रमा को रोजाना दूध से अर्घ्य देने पर शीतलता प्राप्त होती है. कहते हैं कि कुंडली में चंद्रमा के घर शत्रु ग्रह भी बैठे हैं तो तब भी वह शुभता ही प्रदान करता है. ऐसे में चंद्रमा की पूजा से दिल से संबंधी रोग खत्म होते हैं. यह भी मान्यता है कि चंद्रमा की प्रसन्नता के लिए अपनी माता को रोजाना प्रणाम करना चाहिए. ऐसे में मां या किसी दूसरी महिला का अनादर न करें. इससे आर्थिक नुकसान होता है और साथ ही कई गंभीर रोग घेर लेते हैं.

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