शिवपुरी विधानसभा: भाजपा के गढ़ में जीत पाएंगे कांग्रेस के केपी सिंह, 3 दिसंबर के रिजल्ट पर सबकी निगाहें
– यशोधरा राजे द्वारा चुनाव नहीं लड़ने के कारण भाजपा ने देवेंद्र जैन को दिया है मौका
-भाजपा ने केपी की दबंगई छवि को बनाया मुद्दा
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी विधानसभा सीट को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां से पिछले चार बार से विधानसभा चुनाव में भाजपा जीतते हुए आ रही हैं। यशोधरा राजे सिंधिया यहां से चार बार विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं इसलिए इस सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है लेकिन इस बार कांग्रेस के केपी सिंह ने यहां से चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा को टक्कर दी है। शिवपुरी विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि यहां से कांग्रेस के नेता और पिछले 30 साल से पिछोर विधानसभा सीट से जीतते हुए आ रहे केपी सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार कांग्रेस ने केपी सिंह को पिछोर की बजाय शिवपुरी से टिकट दिया है। पिछोर विधानसभा सीट से पिछले 30 साल से 6 बार से केपी सिंह विधायक बनते हुए आ रहे हैं लेकिन इस बार उनका टिकट बदला गया और उन्हें शिवपुरी विधानसभा में मैदान में उतारा गया है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने उनके खिलाफ देवेंद्र जैन को टिकट दिया है क्योंकि भाजपा की वरिष्ठ नेता यशोधरा राजे सिंधिया अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते चुनाव नहीं लड़ रही हैं। यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव नहीं लड़ने के कारण भाजपा ने भी यहां पर टिकट बदलकर उनकी जगह देवेंद्र जैन को मौका दिया है।
भाजपा ने केपी की दबंगई छवि को बनाया मुद्दा-
यहां पर भाजपा के देवेंद्र जैन केपी सिंह पर भारी पड़े क्योंकि देवेंद्र जैन यहां पर केपी सिंह की दबंगई छवि को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा। इसके अलावा शिवराज सरकार की योजना और लाडली बहना योजना का असर यहां पर देखा जा रहा है। हालांकि 3 दिसंबर को परिणाम सामने आएंगे तब तक सबकी निगाहें इस परिणाम पर ही टिकी हैं। पिछोर विधानसभा सीट से 6 बार से विधायक बनते हुए आ रहे केपी सिंह इस बार शिवपुरी में अपना भाग्य आजमा रहे हैं अगर वह यहां से चुनाव हार गए तो उनका लगातार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड टूट जाएगा। अगर जीतते हैं तो वह इस रिकार्ड को कायम कर पाएंगे और सातवीं बार वह वह निर्वाचित होंगे।