सी एल गौर
रायसेन। गत वर्ष की तुलना में इस बार क्षेत्र में समय पर बारिश नहीं होने के कारण धान की खरीफ फसल कई किसानों के खेतों में खराब हो गई है कई किसान ऐसे हैं जिनके खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता कई किसानों के पास ट्यूबवेल नहीं है बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं ऐसे जिले भर में सैकड़ो किस है जो की बारिश के पानी के ऊपर ही निर्भर रहते हैं और भगवान भरोसे ही अपने खेतों में धान की फसल लगते हैं । इसी प्रकार से उन्होंने इस बार भी खेतों में कई किसानों ने धान की फसल लगाई तो कइयों ने उसकी बोनी की परंतु इसके बावजूद समय पर बारिश का पानी नहीं मिला तो कई किसानों की धान खेतों में खड़ी-खड़ी खराब हो रही है जिसके चलते अब कई किसान धान फसल की बखरनी कर रहे हैं क्योंकि अब रवि मौसम शुरू होने वाला है रवि की फसल की तैयारी को देखते हुए किसान खराब हुई धान फसलों को बखर रहे हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुरेल कला में देखने में आया है कि यहां कई किसानों ने धान की फसल को बखर दिया है यहां के किसान अमर सिंह पटेल, डालचंद अहिरवार ने बताया कि उन्होंने अपनी कई एकड़ की धान फसल को बखर दिया है क्योंकि बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल नहीं आई इसलिए हमें आगामी फसल के चक्कर में धान की फसल की बखरना पड़ी है । उन्होंने बताया कि इससे हमें लाखों का नुकसान हुआ है हमारे गांव के कई ऐसे कई किसानों ने खराब हो रही धान फसल को बखर कर आगामी फसल के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है। ट्रैक्टर और रोटावेटर के माध्यम से धान फसल की बखरनी कर खेतों को तैयार कर रहे हैं। इसी प्रकार से रायसेन जिले के अन्य तहसील क्षेत्र में भी जानकारी मिल रही है कि समय पर बारिश नहीं होने के कारण पानी के अभाव में धान की फसले बर्बाद हो रही हैं इसे देखते हुए किसान भाई धान फसल की बखरनी करने में ही अपना भला समझ रहे हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो इस वर्ष सैकड़ो किसानों के लिए धान की फसल से लाभ के स्थान पर नुकसान हुआ है कई किसानों का कहना है कि समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है।