देवेंद्र तिवारी साँची रायसेन
सांची को रोशन करने एवं बिजली पर आत्मनिर्भर बनाने ऊर्जा विभाग जद्दोजहद में जुटा हुआ है । नगर में जगह जगह ऊर्जा विभाग ने सौर ऊर्जा से खंबे खडे कर रोशन करने का बीड़ा उठाया है बावजूद इसके इस स्थल को जिस अमूल्य धरोहर से जाना जाता है उस स्तूपों के पहुंच मार्ग पूरी तरह अंधेरे में जकड़ा हुआ दिखाई देता है इस ओर से ऊर्जा विभाग विद्युत वितरण कंपनी सहित नगर परिषद एवं स्वयं पुरातत्व विभाग बेखबर बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार यह स्थल विश्व विख्यात पर्यटक स्थल होने के साथ ही इस स्थल को बिजली बचाने तथा बिजली पर आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा ऊर्जा विभाग ने उठाया है तथा इस स्थल को सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं नागौरी पहाड़ी पर प्लांट तैयार किया जा रहा है जिससे यह नगर बिजली पर आत्मनिर्भर बन सके तथा मंडल की बिजली बचत की जा सके ।सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली से नगर को रोशन किया जा सके ।सौर ऊर्जा से रोशन होने वाला यह स्थल देश में दूसरे स्थान पर आ जाएगा । हालांकि इस स्थल पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट प्लांट का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के करने की काफी समय से चर्चा चल रही थी परन्तु किसी कारण वश यह शुभारंभ प्रधानमंत्री के हाथों होने की संभावना बहुत कम दिखाई दे रही है तब इस स्थल पर नगर में जगह जगह सौर ऊर्जा से नगर में खंबे खडे कर रोशन किया जाने लगा परन्तु काफी क्षेत्र ऐसे भी हैं जिसकी सुध न तो सौर ऊर्जा एवं न ही विम को ही रही हालांकि इस स्थल पर प्रभावी लोगों तक आसानी से बिजली रोशन होने लगी है हालांकि इस सौर ऊर्जा से जोड़ने विभाग एवं विद्युत मंडल लगातार प्रयास रत दिखाई दे रहे हैं अनेक बार नगर वासियों को सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली आत्मनिर्भरता से जागरूकता अभियान चला कर जागरूक किया गया है तथा कुछ लोगों ने नगर में सौर ऊर्जा से संचालित बिजली के कनेक्शन भी ले रखे हैं परन्तु आम नागरिक आज भी इससे काफी दूर दिखाई देता है बताया जाता है कि इस सौर ऊर्जा से बिजली पर आत्मनिर्भर बनने में काफी बडी राशि कनेक्शन के रूप में आडे आ रही है । हालांकि जहां विद्युत वितरण कंपनी बिजली व्यवस्था सुचारू नहीं बना सका वहां सड़कों पर सौर ऊर्जा से संचालित बिजली व्यवस्था सुचारू बना दी गई है बताया जाता है विभाग की अनदेखी के चलते अनेक स्थानों से खड़े खंभे भी ग़ायब हो चले हैं इसकी सुध न तो ऊर्जा विभाग न ही मंडल अधिकारी ही ले सके हैं नगर में रोशन होने वाली सौर ऊर्जा की बिजली से नगर को रोशनी मिलने लगी बावजूद इसके इस स्थल की पुरातात्विक ऐतिहासिकता के मध्येनजर नगर को रोशन किया जा रहा है वह ही इस सौर ऊर्जा की रोशनी से अछूता दिखाई देता है रात होते ही जब नगर में सौर ऊर्जा से संचालित बिजली चमकने लगती है तब स्तूप रोड पूरी तरह अंधेरे में डूबा दिखाई देता है जिससे स्तूप रोड पर नगर के घूमने वाले तथा अपने घरों तक पहुंचने वाले लोगों को अंधेरे में चलने पर मजबूर होना पड़ता है
इस अंधेरे से यहां आने वाले पर्यटक भी अछूते नहीं रह पाते जबकि पर्यटन विभाग का जम्बूद्वीप पार्क के भीतर भरपूर रोशन किया जाता है इसके साथ ही पुरातत्व संग्रहालय जहां बहुमूल्य धरोहर सहेज कर रखी गई है यह सड़क पूरी तरह अंधेरे में जकडी दिखाई देती है हालांकि पूर्व में नगर परिषद प्रशासन द्वारा इस सड़क पर बिजली व्यवस्था सुचारू बनाई जाती रही है परन्तु जबसे नगर को रोशन करने ऊर्जा विभाग ने बीड़ा उठाया तब से ही नगर परिषद प्रशासन ने भी नगर को रोशन करने से हाथ पीछे खींच लिए जिसका खामियाजा लोगों को स्तूप मार्ग पर होने वाले अंधेरे में चलकर भुगतना पड़ रहा है इतना ही नहीं रात में ही स्तूप परिसर में लाइट शो चलाया जाता है जिसे देखने लोग आते जाते रहते हैं बावजूद इसके इस स्थल पर इस रोड की सुध न तो नप प्रशासन न ही विद्युत वितरण कंपनी न ही ऊर्जा विभाग को ही हो पा रही है जिससे इस प्रमुख मार्ग को भी रोशन किया जा सके जिससे नगर में लोगों को अंधेरे से राहत मिल सके ।