Let’s travel together.
nagar parisad bareli

सदन के भीतर हो या बाहर”अग्निपरीक्षा “तो देनी होगी !-अरुण पटेल

0 91

आलेख

वर्ष 2023 के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस लगभग चुनावी मोड में आ चुकी हैं। बजट सत्र में जहां बजट के माध्यम से आदिवासियों, दलितों, आम गरीबों व अन्य वर्ग के लोगों को साधने का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भरपूर प्रयास करेंगे तो वहीं दूसरी ओर सदन के अन्दर और बाहर असली अग्नि परीक्षा कांग्रेस की होगी क्योंकि वह जितना अधिक जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर मुखर होगी और सरकार को घेरेगी उतना ही वह लोगों के नजदीक आती जायेगी। लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि क्या कांग्रेस मैदान में और सदन के भीतर उतनी आक्रामकता दिख पायेगी जिससे कि आमजन उससे जुड़ सकें। जहां तक सदन के अन्दर और बाहर सड़कों पर सक्रियता का सवाल है तो इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की नेतृत्व क्षमता भी कसौटी पर होगी क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही नेता प्रतिपक्ष भी वही हैं, इस कारण दोनों ही मोर्चों पर अपने संगी-साथियों को वह कितना सक्रिय कर पाते हैं इसके बाद ही यह पता चल सकेगा कि कांग्रेस जनता की कसौटी पर कितनी खरी उतरने की कोशिश कर रही है। भाजपा की सरकार व संगठन दोनों ही दलितों व आदिवासियों तथा युवाओं और महिलाओं के बीच अपना जनाधार बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं तो कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि आदिवासी व दलित वर्ग के लोग तो उसके साथ ही हैं उसे केवल इन्हें अपने साथ जोड़े रखना है। इसके साथ ही वह अन्य पिछड़ा वर्गों पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत उसने प्रदेश महिला कांग्रेस की कमान भोपाल की महापौर रही पिछड़ा वर्ग की नेता विभा पटेल को सौंपी है। देखने वाली बात यही होगी कि विभा पटेल कांग्रेस के लिए कितनी उपयोगी सिद्ध हो पाती हैं।
जहां तक विभा पटेल का सवाल है वह सक्रिय और जुझारु महिला नेत्री हैं तथा राजधानी भोपाल की महापौर रह चुकी हैं और पूरे प्रदेश में उनका नाम जाना-पहचाना है। गुटबंदी के दलदल में फंसी महिला कांग्रेस के लिए विभा पटेल के सिवाय कोई दूसरा माकूल विकल्प हो ही नहीं सकता था। इस प्रकार कमलनाथ ने उन्हें कमान सौंपने की जो पहल की उससे यह उम्मीद की जा सकती कम से कम जहां तक संभव हो सकेगा महिला कांग्रेस आपसी खींचतान से एक सीमा तक मुक्त हो सकेगी और अपनी खुद की सक्रियता व व्यवहार कुशलता के चलते महिलाओं के बीच भी कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने में मददगार हो सकेंगी। इस समय कांग्रेस के अन्दर सबसे अधिक खींचतान महिला कांग्रेस में ही मची हुई थी और नौबत यहां तक आ गयी थी कि तत्कालीन महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने उस विवादास्पद कार्यसमिति के पदाधिकारियों को नियुक्ति-पत्र कुछ दिन बाद जारी कर दिए जिन पर रोक लगाई गयी थी। ऐसा करके उन्होंने एक प्रकार से हाईकमान के साथ ही कमलनाथ की नाराजगी भी मोल ले ली थी। चार वरिष्ठ महिला उपाध्यक्षों को छोड़कर पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी गयी थी उसके बाद भी अर्चना जायसवाल इस बात का दावा करती रहीं कि वे अध्यक्ष हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने उनके दावे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि अब चार वरिष्ठ उपाध्यक्षों के अलावा कोई अन्य पदाधिकारी नहीं है लेकिन इसके बाद भी अर्चना जायसवाल इसे स्वीकार नहीं कर रही थीं और दिल्ली में जाकर महिला कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने अपना पक्ष रख आई थीं। महिला कांग्रेस की गुटबंदी और अधिक परवान न चढ़ने पाये इसे देखते हुए आनन-फानन में विभा पटेल को अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और उन्होंने अपना पदभार भी संभाल लिया। अर्चना जायसवाल की विदाई होने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी पदाधिकारियों की टीम में इंदौर के कुछ ऐसे अनजान चेहरों को शामिल कर लिया था जिनकी कांग्रेस की राजनीति में ना तो कोई पहचान थी और ना ही कांग्रेस के संघर्ष में कोई योगदान था। उनकी नई कार्यसमिति का विरोध सबसे पहले इंदौर से ही चालू हुआ और वहां की एक पदाधिकारी ने इस कार्यसमिति से इस्तीफा दे दिया। इस प्रकार के आरोप भी लगाए गए कि कुछ नियुक्तियों में पैसे का लेनदेन भी हुआ।


विभा पटेल को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने एक बार फिर पिछड़ा वर्ग को एक सकारात्मक संकेत देने के साथ ही पार्टी के अंदरुनी समीकरणों को भी साधने की कोशिश की है।विभा पटेल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की समर्थक हैं और कमलनाथ की भी वे विश्वासपात्र बताई जाती हैं। भाजपा में ओबीसी चेहरों की भरमार है लेकिन कांग्रेस को इन वर्गों के अंदर और नये चेहरों की दरकार है। कांग्रेस के पास यादव नेता तो पहले से ही सक्रिय व पदों पर रहे हैं और अभी भी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव एवं उनके भाई पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव तो सक्रिय हैं ही लेकिन उनके साथ ही भगवान सिंह यादव और अशोक सिंह भी बड़े यादव नेता हैं तथा कुछ विधायक भी यादव हैं। पटेल उसी ओबीसी वर्ग से आती हैं जिस वर्ग के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं और पटेल परिवार भी उसी इलाके से है जहां से मुख्यमंत्री हैं। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल की भाभी है तथा उनके एक और देवर कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। विभा पटेल की नियुक्ति पर कमलनाथ ने अपनी सहमति दी थी और इस प्रकार उन्होंने पिछड़े वर्गों को एक संदेश देने का काम किया है। विभा पटेल ने पिछले दिनों भोपाल के मानस भवन में हुए पिछड़ा वर्ग के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। राजनीतिक जोखिम उठाने में भी वह कभी पीछे नहीं रहीं और भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के विरुद्ध उन्होंने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। चूंकि बाबूलाल गौर एक बड़े नेता थे और उनकी अलग पहचान थी इसलिए उनसे जीतने की तो कोई संभावना नहीं थी लेकिन विभा पटेल ने चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के भीतर अपनी सक्रिय भूमिका अदा की और वह प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता भी हैं। पटेल के सामने सबसे बड़ी चुनौती महिला कांग्रेस को एकजुट करने और अपनी ऐसी टीम चुनने की होगी जिसको लेकर किसी प्रकार के विवादों को जन्म न मिल सके।


हंगामाखेज होगा विधानसभा का बजट सत्र ?

आगामी सोमवार 7 मार्च से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता । कांग्रेस इस अवसर का फायदा उठाने व शिवराज सरकार की चौतरफा घेराबंदी करने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देगी तो वहीं भाजपा विधायक भी पूरी आक्रामकता से जवाब देते नजर आयेंगे और इससे सदन में हंगामा व शोरगुल के दृष्य कई बार उपस्थित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार के 2022-23 के बजट में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ा वर्ग सहित अन्य सभी वर्गों को लुभाने के लिए खजाने का मुंह खोल सकते हैं और इसके लिए बजट प्रावधान कर ऐसी कई कल्याणकारी योजनाओं को सामने लाया जा सकता है जिसके माध्यम से हितग्राहियों का एक बड़ा वोट बैंक भाजपा के लिए खड़ा हो सके। नौ मार्च को विधानसभा में शिवराज सरकार का बजट प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें बेरोजगारों को स्वरोजगार देने पर विशेष जोर रहेगा। सरकार का ध्यान अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व सामान्य वर्ग तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं पर ज्यादा रहेगा। इसके मद्देनजर सरकारी नौकरियों के अलावा बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार के ज्यादा अवसर सुलभ कराने के लिए बजट में प्रावधान होने की संभावना है। सरकार का प्रयास होगा कि आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग दो लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर सुलभ कराये जायें, इसके लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है। तीर्थ-दर्शन और संबल जैसी योजनायें भी सरकार की प्राथमिकता में होंगी।
और यह भी

सत्ता का रास्ता आदिवासियों के बीच से होकर गुजरता है इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेसा एक्ट लागू करने का निर्णय किया है। शिवराज ने आदिवासी वोट बैंक को साधने के अपने प्रयासों को और गति देते हुए वन विभाग की केबिनेट प्रेसी को भी बदल दिया जिसमें वनोपज से प्राप्त राशि का 10 प्रतिशत देने का प्रस्ताव किया गया था लेकिन उन्होंने इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से 15,000 से अधिक समितियों को लगभग 160 करोड रुपए की राशि मिलेगी । आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में शिवराज का यह निर्णय मास्टर स्ट्रोक भी साबित हो सकता हें।

-लेखक सुबह सवेरे के प्रबंध संपादक है

-सम्पर्क:9425019804, 7999673990

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.

तलवार सहित माइकल मसीह नामक आरोपी गिरफ्तार     |     किराना दुकान की दीवार तोड़कर ढाई लाख का सामान ले उड़े चोर     |     गला रेतकर युवक की हत्या, ग़ैरतगंज सिलवानी मार्ग पर भंवरगढ़ तिराहे की घटना     |     गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों से गूंज उठा नगर     |     नूरगंज पुलिस की बड़ी करवाई,10 मोटरसाइकिल सहित 13 जुआरियों को किया गिरफ्तार     |     सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एसडीओपी शीला सुराणा ने संभाला मोर्चा     |     सरसी आइलैंड रिजॉर्ट (ब्यौहारी) में सुविधाओं को विस्तारित किया जाए- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल     |     8 सितम्बर को ‘‘ब्रह्मरत्न’’ सम्मान पर विशेष राजेन्द्र शुक्ल: विंध्य के कायांतरण के पटकथाकार-डॉ. चन्द्रिका प्रसाद चंन्द्र     |     कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के छात्र कृषि विज्ञान केंद्र पर रहकर सीखेंगे खेती किसानी के गुण     |     अवैध रूप से शराब बिक्री करने वाला आरोपी कुणाल गिरफ्तार     |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811