यशवन्तसराठे बरेली रायसेन
प्रभु श्रीराम की भक्ति जीव को संसार में अनंत सुख देने वाली होती है,उक्त उद्गार ग्राम खपड़िया कला में चल रही श्री राम कथा महोत्सव में कथावाचक पूज्य दीदी रत्नमणि द्विवेदी ने प्रकट किए, रामकथा प्रसंग मे वताया कि प्रभु श्रीराम की नित्य भक्ति से ही मन और आत्मा निर्मल हो जाती है ।
प्रभु की कृपा से ही जीव का चहुंमुखी विकास होता है। जब जीव पर भगवान की कृपा होती है तो शत्रु भी अपने हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह जीवन प्रभु चरणों की सेवा के लिए ही मनुष्य को मिला है, लेकिन हम लाभ और लालच के चक्कर में फसकर यह जीवन व्यर्थ ही गवां देते हैं । उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के राज्य में प्रजा सुखी थी । उनके राज्य में किसी को कोई कष्ट नहीं था । प्रभु श्रीराम ने जीवन में किसी भी जीव का तिरस्कार नहीं किया । इसलिए ही प्रभु को पुरुषोत्तम भी कहा गया है उन्होंने कहा कि अच्छाई के सामने कभी भी बुराई टिक नहीं सकती । अच्छाई व सच्चाई की सदैव विजय होती है । उन्होंने कहा कि पापियों के पाप का घड़ा कभी न कभी जरूर भरता है । पाप ही पापी के अंत का कारण बन जाता है। इसलिए उन्होंने दूसरों का भला सोचने और प्रभु भक्ति के लिए समय निकालने का आह्वान किया । कथा में क्षेत्र के महान संत श्री श्री 1008 श्री गौरा वाले महाराज जी भी उपस्थित रहे ।
कथा dxमैं मुख्य रूप से कथा के मुख्य यजमान परसराम चौहान , श्रवण पटेल गडरवास अजय भार्गव ने व्यासपीठ का पूजन किया ।