शनिदेव को न्यायप्रिय ग्रह कहा जाता है। इस ग्रह की दशा, साढ़ेसाती और ढ़ैया तीनों ही परेशान करने वाली होती है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर आप ज्योतिष से इसके बारे में पता लगा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन तीनों स्थितियों में शनि को प्रसन्न करने उपाय आपको काफी हद तक राहत दे सकते हैं। दरअसल शनि की महादशा का पता कुछ संकेतों द्वारा भी लग सकता है, बाकी ढ़ैया और साढ़ेसाती में भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ये उपाय शनि जयंती पर किए जाएं तो बहुत ही अधिक फलदायक है। इन उपायों से काफी हद तक महादशा और साढ़ेसाती और ढैया वालों को भी फायदा मिलेगा।
शनि महादशा के संकेत
शनि के राशि बदलने पर शनि साढ़ेसाती और ढैया क पता लग जाता है, वहीं शनि की महादशा में कुंडली और ये संकेत दोनों बता सकते हैं। दरअसल शनि की महादशा वाले लोगों के चेहरे पर गालों पर काला रंग हो जाता है। इस राशि के लोगों में क्लेश बन रहता है। इनके नाखून कमजोर रहते हैं। जैसे-जैसे महादशा उतरती है, वैसे-वैसे स्थिति कुछ कष्टकारी हो सकती है, इसलिए शनि जयंती पर ये उपाय काफी हद तक राहत दे सकते हैं।
शनि जयंती पर लोहे की अंगूठी भी धारण पहननी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन बिना आग में गर्म किए बनानी हैं। इस अंगूठी को मध्यमा में पहनना अच्छा होता है। इसके अलावा इस दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी भी बनानी चाहिए और इसका पूजा कर भोग लगाएं। शनि महादशा साढ़ेसाती और ढैया वालों को शनि जयंती पर ये पांच काली चीजें नदी में प्रवाहित करनी चाहिए। इसके लिए शनि जयंती पर काले कपड़े में सुरमास काजल, कोयला, कला उड़द, काला तिल बांधकर शनि महादशा, साढ़ेसाती, ढैया वाले लोग अपने सिर से वारकर नदी में पीछे फेंक दें।