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बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र में पहली बार जीते हडताली मजदूर, 1200 रूपए वेतन बढा

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कामगार कांग्रेस ने बताया समझौते को पहली छोटी जीत, पूरी जीत का संघर्ष जारी रखें

तारकेश्वर शर्मा

छिंदवाड़ा। एक सप्ताह से चल रही बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र के कामगारों की हड़ताल प्रबंधन के साथ वेतन वृद्धि के समझौते के बाद समाप्त हो गई, सभी कामगार ने काम पर लौटने के बाद उत्पादन शुरू कर दिया। प्रबंधन के साथ हुए समझौते में कामगारों के वेतन में 60 रूपए प्रतिदिन, 1200 रूपए महीने की वृद्धि की गई है। लोकप्रिय सांसद माननीय नकुलनाथजी के निर्देश पर कामगार कांग्रेस ने कामगारों की हड़ताल का समर्थन करते हुए उनके साथ रही। सांसद प्रतिनिधि संदीप भकने की अगुआई में चली हड़ताल के दौरान विधायक विजय चौरे भी पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी, सांसद नकुलनाथजी के निर्देश पर हडताली कामगारों के बीच पहुंचे और उन्हें समर्थन दिया तथा प्रबंधन पर श्रमिकों से बातचीत करने, वेतन बढाने का दबाव बनाया और अंतत: प्रबंधन को अपनी हटधर्मिता छोडकर वेतन बढोतरी के समझौते पर दस्तखत करने पडे, इस तरह पहली बार बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों की जीत हुई है। कामगार कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा, बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष बार किशोर बरकोरिया सांसद नकुलनाथजी के निर्देश पर लगातार हडताली श्रमिकों के बीच सक्रिय रहे, कलेक्टर को पत्र लिखकर हडताली कामगारों से बातचीत कर समझौते का दबाव बनाया, अंतत: समझौते के बाद हडताल समाप्त हुई।
समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए कामगार कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि भाजपा की दिल्ली भोपाल की सरकारों ने श्रम कानूनों को मालिकपरस्त बना दिया है, जिस कारण ही प्रबंधन न्यूनतम से भी कम पर मजदूरों से काम कराता है और श्रम विभाग तमाशबीन बनकर मजूदरों के साथ हो रहे अन्याय का तमाशा देखता है।
शर्मा ने कहा 60 रूपए बढने के बाद भी कामगार अकुशल श्रमिक के न्यूनतम वेतन से 41 रूपए दूर हैं, समझौते के बाद 310 मिलेंगे जबकि मिलना चाहिए 351 रूपए प्रतिदिन, 9125 रूपए प्रतिमाह। शर्मा ने कहा कि कत्था कंपनी के कामगार अति कुशल श्रमिक की श्रेणी का काम करते हैं, जिनके लिए शासन का न्यूनतम वेतन 487 रूपए प्रतिदिन, 12660 रूपए महीना, इसे हासिल करने का अभियान कामगार कांग्रेस पूरे औद्योगिक क्षेत्र में चलाएगी। शर्मा ने कहा कि शासन ने असंगठित श्रमिकों के लिए जो न्यूनतम वेतन तय किया है उसके अनुसार अकुशल के लिए 351 प्रतिदिन (9125 महीना), अर्द्धकुशल के लिए 384 प्रतिदिन (9982 महीना), कुशल के लिए 437 प्रतिदिन (11360 महीना) और अतिकुशल के लिए 487 प्रतिदिन (12660 महीना) न्यूनतम वेतन तय किया है जो बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र के किसी भी कारखाने के ठेका श्रमिक को नहीं मिलता है, ठेकेदार और कंपनी प्रबंधन मिलकर श्रमिकों के हक की मजदूरी खा रहे हैं, कत्था कंपनी के मजदूरों की पहली छोटी जीत से बोरगांव में मजदूर संगठित होंगे और वे पूरा वेतन पाने की लडाई मिलकर कामगार कांग्रेस के साथ आकर लडेंगे और जीतेंगे

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