यशवंत सराठे बरेली रायसेन
श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल जी को भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उदयपुरा विधानसभा से 2023 में उम्मीदवार घोषित हुए. और वह चुनाव में 42000 मतों से जीतकर उदयपुरा विधानसभा से विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे
जीवन परिचय –
श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल का सम्पूर्ण जीवन परिचय देते हुए अत्यंत प्रसन्नता प्रकट करते हुए क्षेत्र के सभी सज्जनों से प्रार्थना है कि अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
*नाम : नरेंद्र शिवाजी पटेल*
पिताजी का नाम: श्री शिवाजी पटेल
जन्मतिथि: 21 जून 1968
शिक्षा : BE Civil Engg.
निवास : नाहर कालोनी बरेली, ज़िला रायसेन (मध्यप्रदेश)
वर्तमान दायित्व: प्रदेश कार्य समिति सदस्य, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी, भाजपा मध्यप्रदेश ।
*जीवन परिचय:*
बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे श्री नरेंद्र सिंह शिवाजी पटेल का जन्म नर्मदा अंचल में 21 जून 1968 को हुआ।
आप की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा बरेली (जिला रायसेन) में हुई। इसके पश्चात उच्च शिक्षा के लिए विदिशा स्थित तकनीकी महाविद्यालय “सम्राट अशोक तकनीकी संस्थान” (Samrat Ashok Technological Institute SATI) में प्रवेश लिया। वहां से जनपदीय अभियांत्रिकी स्नातक (BE -Bachelor of Engineering) उपाधि प्रथम श्रेणी प्रथम स्थान (गोल्ड मेडलिस्ट) से प्राप्त की है।
आपने “अभियांत्रिकी स्नातक योग्यता परीक्षा” Graduate Aptitude Test in Engineering (GATE) में दो बार सफलता अर्जित कर के “वास्तुकला व योजना संस्थान नई दिल्ली” में आवास योजना परास्नातक पाठ्यक्रम (Master of Planning, Housing) में प्रवेश पाया।
परंतु SATI से शोध सहायक (Research Assistant) का प्रस्ताव मिलने पर वहां चले गए।
आपको “ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग” के आधार पर भारत सरकार की वैज्ञानिक तथा अनुसंधान परिषद सीएसआईआर (CSIR) से रिसर्च फेलोशिप भी प्राप्त हुई।
आध्यात्मिक रुचि के कारण अभियांत्रिकी विद्यार्थी होते हुए भी आपने रामायण, भगवत गीता, महाभारत, वेद और उपनिषद जैसे प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन किया है।
माता-पिता तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा व शिक्षा से आप सार्वजनिक जीवन में बचपन से ही सक्रिय हैं।
बाल्यकाल से ही समाज में अस्पृश्यता(छूआछूत) निवारण को लेकर संवेदनशील रहे हैं और इस विषय को लोगों के बीच प्रभावी ढंग से रखने के फलस्वरुप अनेक बार पुरुस्कृत हुए हैं।
पुरुस्कार पाना आपका लक्ष्य नहीं था इसलिए समाज सेवा का यह पुनीत कार्य आज भी जारी रखे हैं।
बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव होने तथा पिताजी भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता रहे और घर पर ही पार्टी संचालन का केंद्र रहा। इसके परिणामस्वरूप आप बाल्यकाल से ही राजनीति में रुचि लेने लगे।
1984 में लोकसभा चुनाव में अल्प-वयस्क होते हुए भी भारतीय जनता पार्टी के पोलिंग एजेंट बने। भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय हो गए । जमीनी कार्यकर्ता से लेकर मंडल उपाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष, प्रदेश मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री का दायित्व भारतीय जनता युवा मोर्चा में सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। आप भाजपा मध्यप्रदेश के वार्ताकार(TV Panelist) रहे।वर्तमान में आप भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश की कार्यसमिति सदस्य तथा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी का दायित्व संभाल रहे हैं।
समय-समय पर पार्टी के निर्देश अनुसार विभिन्न राज्यों के चुनाव में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है; जैसे गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम इत्यादि । युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रहते हुए, छत्तीसगढ़ के प्रभारी रहे।
मध्यप्रदेश के विभिन्न चुनावों में प्रदेश प्रबंधन समितियों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया है । 2003 में मध्यप्रदेश में चुनाव मुद्दे संग्रहण समिति के सदस्य भी रहे हैं ।2018 में विधानसभा सम्मेलन आयोजन समिति के प्रदेश सह-संयोजक का दायित्व संभाला था।
विभिन्न सामाजिक धार्मिक अध्यात्मिक संस्था में आप सक्रिय रहे हैं और हैं। विद्यालयलीन शिक्षा के समय आप NCC, Scouts आदि में सक्रिय रहे हैं। NCC में तो आप Lance corporal (LCPL) से लेकर Sergeant (SGT) रहे हैं।
“राष्ट्रीय सेवा योजना” में प्रदेश सलाहकार के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश सलाहकार नियुक्त किए गए थे।
योग व अध्यात्म में विविध प्रयोग करना आपके रुचि का कार्य रहा है। लेखन में भी रुचि बचपन से रही है अतः विद्यालय की पत्रिका से लेकर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका के संपादक रहे हैं। सुमन-वाटिका, शिक्षा, पौरुष और Zenith नामक पुस्तकों और पत्रिकाओं में लेखन व संपादकीय कार्य में सहभागिता रही है।
धार्मिक प्रवृत्ति वाले समाजसेवी श्री शिवाजी पटेल तथा श्रीमती सरोज रानी पटेल की द्वितीय संतान के रूप में जन्में नरेंद्र के जीवन में आध्यात्मिकता का संपुट अनुवांशिकी है।
आपने कठोपनिषद पर आधारित “नचिकेता मृत्युदेव संवाद” नाम से सरल भाषा में पुस्तक लिखी है। जिसका प्रकाशन “शारदा प्रकाशन न्यास” द्वारा किया गया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म शताब्दी के शुभ अवसर पर आपने दीनदयाल जी पर भी पुस्तक लिखी है।