– बड़े नेताओं के सहारे हारी हुई सीटों पर जीतने की कोशिश
– पिछोर 30 साल से और करैरा 10 साल से नहीं जीती भाजपा
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी जिले की करैरा और पिछोर विधानसभा सीटें भाजपा पिछले कई बार से हारती हुई आ रही है। इन हारी हुई सीटों के जीतने के लिए भाजपा ने विधानसभा चुनाव की वोटिंग से कुछ समय पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह की आमसभा और रोड शो कराया। अमित शाह के प्रभाव के जरिए भाजपा की रणनीति है कि इन हारी हुई सीटों को जीता जाए। भाजपा ने एक विशेष रणनीति के तहत गृहमंत्री अमित शाह की करैरा में शनिवार को एक आमसभा कराई। इस आमसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस का गरीबों के कल्याण से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ने पिछले 18 सालों में दलितों, युवा और पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों के लिए काम किया। इस आमसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने और भी कई आरोप कांग्रेस पर लगाए। इस दौरान अमित शाह ने करैरासे पिछोर तक एक रोड शो किया जिसमें बड़ी संख्या में जनता आई। पिछोर में आम सभा के दौरान अमित शाह ने जहां तक कहा कि अगर वापस कमलनाथ की सरकार आई तो योजनाओं पर ताला लग जाएगा,जैसा 15 महीने की सरकार में कमलनाथ ने किया था। किसानों को परेशान होना पडेगा, लाडली बहनों को दी जाने वाली राशि बंद हो जाएगी।
गृहमंत्री के निशाने पर रहे कमलनाथ-
शिवपुरी जिले की करैरा व पिछोर विधानसभा सीटों पर भाजपा का प्रचार करने के लिए आए गृहमंत्री अमित शाह के निशाने पर कांग्रेस नेता कमलनाथ रहे। इस दौरान अपनी आमसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कमलनाथ जी का अपने राजनीतिक जीवन मे घोटालों को करने से मन नहीं भरा है। अगर फिर भगवान न करें उनके हाथ में कमान आ गई तो रोज घोटालों का दौर फिर शुरू हो जाएगा,इसलिए मतदान सोच समझकर करना। इसके अलावा यह भी आरोप लगाए कि कमलनाथ अब अपने बेटों को मप्र में सत्ता में लाना चाहते हैं।
पिछोर सीट भाजपा ने नहीं जीती 30 साल से-
शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट पर भाजपा पिछले 30 साल से नहीं जीती है। इस बार भाजपा की नजरें इस सीट पर कुछ ज्यादा ही हैं। यहां पर भाजपा ने सबसे पहले एक विशेष रणनीति के तहत आचार संहिता लगने से पहले ही अपना प्रत्याशी की घोषणा कर दी। यहां पर भाजपा ने प्रीतम लोधी को टिकट दिया है। इसके अलावा करैरा में भी भाजपा वर्ष 2013 व 2018 में हार गई। इसके बाद मार्च 2020 में हुए दलबदल के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर आए भाजपा में आए विधायक जसवंत जाटव उपचुनाव में बुरी तरह से हारे। इस तरह से करैरा में भी भाजपा को दस साल से हार का मुंह देखना पड़ रहा है।