मोक्षपथ पर निकलीं दो सगी बहनें, दो दिवसीय बिनौली कार्यक्रम के समापन पर गाजे-बाजों के साथ निकली वैराग्य यात्रा में उमड़े श्रद्धालु
मंडीदीप रायसेन। शहर के ज्ञात इतिहास में प्रथम बार एक नहीं बल्कि दो भव्य आत्माएं त्याग, तप और संयम के मार्ग पर निकल पड़ी हैं। वार्ड क्रमांक 1 में निवासरत कपड़ा व्यवसाई परिवार की दो बाल ब्रहृाचारिणी सगी बहनें आगामी 25 अक्टूबर को छिंदवाड़ा में जैनेश्वरी दीक्षा लेने वाली है, जिसे लेकर जैन धर्म अनुयायियों समेत समूचे नगर में उत्साह का माहौल है।
बुधवार से शुरू हुए दो दिवसीय बिनौली कार्यक्रम का गुरुवार को गाजे-बाजों के साथ निकाली गई भव्य बिनोली (वैराग्य यात्रा) के साथ समापन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर इन मोक्ष पथिकों की अनुमोदना कर इनकी गोदभराई की रश्म निभाई। रास्ते भर जहां श्रद्धालु भक्तिनृत्य कर झूमते-नाचते दिखाई दिए तो वहीं बिनोली में दीक्षार्थियों को देखकर लोगों ने वैराग्य की भावना भाई। दीक्षार्थी परिवार के लोगों ने बताया की प्रत्येक माता पिता अपनी बेटी को विदा करते हैं लेकिन हम जिन बेटियों को विदा कर रहे हैं वे दीक्षा के उपरांत कभी घर नहीं लौटेंगी । इस दौरान जैन धर्माबलंबियों ने भावुकता के साथ नम आंखों से इन्हें विदाई दी।
उल्लेखनीय है की दीक्षा से पूर्व नगर में आयोजित इस 2 दिवसीय आयोजन में अनेकों धार्मिक क्रियाएं व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए । बाल ब्रह्मचारी अमित भैयाजी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी दोनो बहनों ने सांसारिक सुख, मोह माया का त्यागकर जैनेश्वरी आर्यिका दीक्षा ग्रहण करने का दृढ़ निश्चय कर समूचे नगर को गौरवान्वित किया है।
ऐसे उमड़ा वैराग्य
साल 2015 में आर्यिका 105 श्री विज्ञानमती माताजी की परम प्रभावक प्रथम शिष्या आर्यिका 105 श्री वृषभमती माताजी का ससंघ चातुर्मास हुआ था।
बस यही वो पल थे जब नगर गौरव बन चुकी दोनो सगी बहने आरती दीदी रोशनी दीदी नामक इन बहनो ने मुक्ति पथ की और पदार्पण कर दिया। विगत 8 वर्षों से यह बहने 30 वर्षीय आरती दीदी और 22 वर्षीय रोशनी दीदी के रूप में मुक्तिपथ पर निरंतर बढ़ती रहीं हैं। साल 2022 में आचार्य विभव सागर के सम्मुख इन्होंने दीक्षा के लिए निवेदन किया था। जिसके बाद 2 नवंबर 2022 को किशनपुरा में दोनों बहनों के केशलोंच हुए थे। इन दोनों बहनों की 25 अक्टूबर 2023 को मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में दीक्षाएं होंगी।
भाई भी ले चुके हैं ब्रह्मचर्य व्रत
माता प्रभा जैन की कुक्षी से जन्मी यह संतानें आज धर्म के मर्म को समझकर मोक्ष प्राप्त करने मुक्तिपथ पर चल पड़ी हैं। इनके पिता राजकुमार जैन की कुल 5 संताने हैं, इनमे 3 भाई और 2 बहन शामिल हैं। पेशे से कपड़ा व्यवसायी इनके बड़े भ्राता 37 वर्षीय अमित जैन भी आचार्य विशुद्धसागर महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत ले चुके हैं।