आभार मुख्यमंत्री जी,विद्वानों के पद को भरा मानते हुए,शीर्ष अधिकारी बनाएं बेहतर नीति:-डॉ देवराज सिंह
डॉ अनिल जैन भोपाल
सूबे के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के भविष्य सुरक्षित मुद्दे पर आज़ शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट ने मोहर लगा दी है।कैबिनेट के निर्णय को ब्रीफ करते हुए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मीडिया के सामने निर्णय को रखा।अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने अपना बयान जारी करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद अदा किया है साथ ही निवेदन करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों से कहा कि वर्षों से नियमितीकरण की मांग अतिथि विद्वानों की रही है अतः मुख्यमंत्री जी के मंशानुसार एक बेहतरीन नीति बनाते हुए भविष्य सुरक्षित करें।आगे डॉ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट कहा है कि अब कोई भी अतिथि विद्वान बाहर नहीं होंगे,अब अतिथि विद्वान शासन के कर्मचारी हुए,छुट्टी,वेतन,ट्रांसफर नीति,मेडिकल सुविधा आदि सभी की घोषणा शिवराज जी ने किया है।अब अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित होना चाहिए,अतिथि विद्वानों के पद हो भरा मानते हुए नीति बननी चाहिए।जैसा कि विदित हो कि 16 दिसंबर 2019 को विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अतिथि विद्वानों की आंदोलन में शिरकत करते हुए नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित का वादा कर आए थे तभी से अतिथि विद्वान अपनी मांग को लेकर कई बार आंदोलन प्रदर्शन कर चुके थे।
धन्यवाद सरकार,विद्वानों का नियमितीकरण (भविष्य सुरक्षित)ज्यादा ज़रूरी
इधर अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निवेदन किया कि अब उच्च शिक्षा विभाग के सम्मानित वरिष्ठ अधिकारी एक शानदार प्रस्ताव तैयार कर वर्षों से जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें।अतिथि विद्वानों के पास अनुभव योग्यता दोनों है।डॉ पांडेय ने बताया की अभी लगभग 300 से 400 अतिथि विद्वान बाहर है विभाग नई नियुक्ति प्रक्रिया रोककर जो पहले से अतिथि विद्वान बाहर है उनको व्यवस्था में ले।
इनका कहना हे-
इस ऐतिहासिक निर्णय का अतिथि विद्वान महासंघ स्वागत करता है।अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित होना चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विनती है कि शानदार पॉलिसी लाएं जिससे अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित हो जाए।अतिथि विद्वान महासंघ हमेशा आभारी रहेगा।अतिथि विद्वानों के पद को भरा मानते हुए नीति बनाएं शीर्ष अधिकारी।
डॉ देवराज सिंह,अध्यक्ष अतिथि विद्वान महासंघ