सी एल गौर रायसेन
प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी भुजरिया पर्व के शुभ अवसर पर शहर में कई स्थानों से कजलियां की शोभायात्रा धूमधाम के साथ निकाली गई वहीं कई महिलाएं अलग-अलग मोहल्ला से अपने सिर पर कजलिया रखकर विसर्जन के लिए चलते हुए दिखाई दी।
शहर के प्राचीन नरापुरा से काजलियो का जुलूस निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में महिला पुरुष बच्चे शामिल हुए जहां महिला वर्ग द्वारा सावन के मनभावन गीत गाकर कजलिया पर मनाया गया वहीं दूसरी ओर शोभा यात्रा में शामिल लोगो ने लहगी प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया एवं सावन के गीत गाकर जमकर मनोरंजन किया । भुजरिया की शोभायात्रा का जगह-जगह लोगों ने पुष्प बरसाकर स्वागत किया इसके पश्चात नगर के प्राचीन मिश्रा तालाब पर शाम के समय कजलियो को सम्मान के साथ तालाब में विसर्जित किया गया।
इस मौके पर मिश्र तालाब किनारे पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़भाड़ देखी गई भुजरिया पर्व के उपलक्ष में लोग एक दूसरे से भुजरिया लेकर गले मिलते दिखाई दिए इस अवसर पर बड़े लोगों ने छोटे लोगों को आशीर्वाद दिया और छोटों ने बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया । इस प्रकार से श्रद्धा भावना के साथ भुजरिया पर्व मनाया गया इससे पूर्व सुबह के समय रक्षाबंधन पर भी मनाया गया जिन बहनों ने रात के समय में रक्षा सूत्र नहीं बाधे थे उन बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उत्साह के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया। इस प्रकार से इस वर्ष में 2 दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया क्योंकि भद्रा नक्षत्र बीच में आ जाने के कारण है स्थिति निर्मित हुई जिससे लोगों को दो दिन रक्षाबंधन मानना पड़ा इस तरह से बुधवार को रक्षाबंधन और भूजरिया दोनों ही धूमधाम के साथ मनाए गए शहर में भी त्यौहार को लेकर बाजार में काफी लोगों की चहल-पहल देखी गई।