‘यह कोई सीरिया, लेबनान या काबुल नहीं, राजधानी दिल्ली से कुछ दूर भारत का हिस्सा है’, नूंह हिंसा पर उठे सवाल
हरियाणा में गुरुग्राम से सटे नूंह जिले में सोमवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान पथराव किया गया और कई वाहनों में आग लगा दी गई। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद ने एक यात्रा का आयोजन किया था। बताया जा रहा है कि एक धर्म विशेष के लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। लोगों पर पथराव भी किया गया। इस दौरान एक होम गार्ड की गोली लगने से मौत हो गई और लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
हिंसा की लपटें तेजी से गुरुग्राम और उससे सटे इलाकों में फैल गई। आनन-फानन में प्रशासन ने इंटरनेट को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। मुस्लिम बहुल नूंह में हिंसा की खबर फैलते ही, निकटवर्ती गुरुग्राम जिले के सोहना में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ ने चार वाहनों और एक दुकान को आग लगा दी।
इस बीच सोशललिस्ट आनंद रंगनाथन ने नूंह हिंसा से जुड़ा एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि दंगे, संगठित पथराव, हिंदुओं को बंधक बनाया गया, धारा 144 लगाई गई, हिंदू परिवारों का पलायन, 5 मरे, 50 गंभीर रूप से घायल, बड़े पैमाने पर आगजनी – यह सीरिया या लेबनान या काबुल नहीं है – यह राजधानी से कुछ मील दक्षिण में है भारत की स्वतंत्रता।
जानकारी के मुताबिक जुलूस में शामिल लोगों ने उन्हें रोकने वाले युवकों पर पथराव किया। जलाभिषेक यात्रा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने गुरुग्राम के सिविल लाइंस से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। जुलूस के साथ पुलिस की एक टुकड़ी भी तैनात गई थी। कुछ दावों के मुताबिक, झड़प की वजह बल्लभगढ़ में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया एक कथित आपत्तिजनक वीडियो था। ऐसी भी खबरें थीं कि राजस्थान में दो मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या में वांछित गोरक्षक मोनू मानेसर को जुलूस में शामिल होना था।
बताते चलें कि दो पक्षों के बीच पथराव के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इलाके में तनाव व्याप्त हो गया और पूरे जिले में धारा 144 लागू कर लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हरियाणा सरकार ने कहा कि “सांप्रदायिक तनाव” को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बुधवार तक निलंबित कर दी गईं।
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