इंफाल। हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक बार फिर तनाव है। ताजा मामला कुछ दिन पुराने एक वीडियो के वायरल होने का है। वीडियो में सैंकड़ों की भीड़ एक समुदाय की दो महिलाओं को सड़क पर निर्वस्त्र कर घुमाती दिख रही है। वीडियो वायरल होने के बाद लोग गुस्से में है। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा- एक्शन ले सरकार
महिलाओं के साथ अभद्रता का शर्मसार करने वाले वीडियो का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो से वास्तव में परेशान है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा।
मणिपुर वायरल वीडियो पर स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया
इस बीच एक आदिवासी संगठन ने दोनों महिलाओं के साथ खेत में सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का आरोप भी लगाया है।
मामले में नेताओं की प्रतिक्रिया भी आने लगी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे अमानवीय घटना बताया है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है।
राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में भारत की अवधारणा पर हमला किया जा रहा है, विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। पीएम मोदी की चुप्पी ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है।
उक्त घटना उत्तर-पूर्व राज्य में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले में हुई थी। मामले में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि तीन महिलाओं को भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। ये महिलाएं पांच लोगों के एक समूह का हिस्सा थी, जिनका एक दिन पहले हुई हिंसा के बाद भीड़ ने अपहरण कर लिया था।
भीड़ ने कथित तौर पर महिलाओं में से एक 19 वर्षीय के साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब उसके भाई ने रोकने की कोशिश की, तो उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस अधीक्षक के मेघचंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और इस संबंध में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुराचार और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास कर रही है।
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