उदयपुरा रायसेन। श्रीरामचरितमानस विद्यापीठ की साप्ताहिक मानस यात्रा के ग्राम शोभापुर, पहुंचने पर भगवान दास बैरागी, एवं उपस्थित ग्रामीण जनों ने विद्वान जनों, का पुष्पमाला के द्वारा स्वागत किया! प्राचीन शिव,बजरंग मडिया, पर सत्संग सभा का आयोजन किया गया, मानस विद्यापीठ आचार्य सुरेंद्र शास्त्री, ने कहा कि रावण दुष प्रवृत्तियों का नाम है, राम रावण संवाद प्रसंग की व्याख्या करते हुए आपने कहा कि व्यर्थ बकवास करके अपने यश का बखान करना ही, रावण की प्रवृत्ति थी, जबकि श्रीराम ने सत्य एवं नीति के मार्ग पर चलकर ही धर्म युद्ध मैं विजय प्राप्त की, राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि संसार में तीन प्रकार के वृक्ष होते हैं गुलाब, आम और कटहल के समान इसी तरह मनुष्य ही तीन प्रकार के होते हैं एक कहते हैं, करते नहीं ,दूसरे कहते हैं ,और करते भी हैं, और एक तीसरे केवल करते हैं, और वाणी से कहते नहीं, सत्संग सभा में हरिदत्त शर्मा, नर्मदा प्रसाद रामायणी, देवव्रत राजोरिया, योगेश पांडे ने अपने विचार व्यक्त किए, राष्ट्रीय कवि गोविंद गोदानी द्वारा अपना स्वरचित भजन को सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर किया।
कार्यक्रम संयोजक अधिवक्ता चतुर नारायण रघुवंशी ने बताया कि श्रावण मास में सत्संग के विशेष आयोजन किये जा रहे है, कार्यक्रम के दौरान मानस की मंगल आरती में समाजसेवी, कमलेश दीक्षित, अवध नारायण पटेल, रघुवीर शर्मा, हाकम दास बैरागी ,बृजेश शर्मा, वीरेंद्र पटेल, फूल सिंह धाकड़, अरुण उदैनिया, सुदामा रघुवंशी, अभी श्रीवास्तव, राजकुमार वैरागी, शिवराज पटेल, भगवान सिंह, महाराज सिंह लोधी, मथुरा सेन, सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।