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गांव में विवाद क्यों नहीं होते, यही जानने आया हूँ:न्यायाधीश जयकुमार जैन

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बरेली तहसील के ढिलवार गाँव में 1984 से नहीं हुए विवाद, थाने में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं

(कमल याज्ञवल्क्य)
बरेली। रायसेन जिले के बरेली तहसील मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत अहमदपुर के गाँव ढिलवार की अपनी विशिष्ट पहचान है। गाँव छोटा है पर पहचान इसलिए बडी़ है कि इस गांव को देखने के लिए बरेली न्यायालय के बरिष्ठ न्यायाधीश जयकुमार जैन बरसते पानी के बीच गांव वालों से मिलने गांव पहुंच गए। न्यायाधीश के अचानक गांव पहुंचने पर ग्रामीण अभिभूत नजर आए। संभवतः ऐसा पहली बार ही हुआ है कि किसी गांव में गांव वालों से मिलने न्यायालय के न्यायाधीश पहुंचे हों ।

ग्राम पंचायत अहमदपुर की ओर से जब सरपंच मनोरमा पटेल, बरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम सिंह रघुवंशी , उपेन्द्र सिंह पटेल, एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष कमल याज्ञवल्क्य,सचिव शिवपाल सिंह रघुवंशी, एडवोकेट जगदीश सिंह एवं गोपाल राजपूत ,नीतेश धाकड़ सहित गांव वालों ने उनका सम्मान करना चाहा तो न्यायाधीश जयकुमार जैन ने बड़ी विनम्रता और सरलता से गांव के बुजुर्गों का ही सम्मान करते हुए कहा कि मैं तो आपके गांव ढिलवार यह जानने आया हूँ कि आखिर उनचालीस सालों से आपके गांव में विवाद क्यों नहीं हुए और न ही बरेली थाने में एक भी एफआईआर दर्ज हुई। ढिलवार गांव के सभी निवासी सम्मान के पात्र हैं।

दादाजी आप बताइए, गांव में विवाद क्यों नहीं होते

ग्राम ढिलवार की प्राथमिक शाला भवन में बरेली न्यायालय के बरिष्ठ न्यायाधीश जयकुमार जैन ने ग्रामीणों से संवाद करते हुए बुजुर्ग धन्नालाल पाल , सुप्यार सिंह राजपूत तथा हाकमसिंह आदिवासी से पूंछा कि दादाजी आप बताइये कि आपके गांव में उनचालीस सालों से कोई भी विवाद क्यों नहीं हुए और न ही थाने में एक भी एफआईआर दर्ज हुई। उन्होंने यह भी पूंछा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि गांव वालों को कानून की जानकारी नहीं है। इस पर गांव वालों ने न्यायाधीश जयकुमार जैन को बताया कि कानून की जानकारी तो है,किन्तु गांव में रहने वाले सभी परिवारों में अच्छा सामंजस्य है। सभी गांव वाले परिवार की तरह ही रहते हैं। यदि कभी छोटे मोटे झगड़े या तू तू, मैं मैं होती भी है तो गांव में ही मिल बैठकर मतभेद दूर कर लेते हैं। और कभी किसी विवाद में परेशानी होती है तो अहमदपुर में सरपंच के सामने सभी बैठकर बात करके विवाद खत्म कर लेते हैं। सभी गांव वाले एक दूसरे के परिवार को अपना ही परिवार मानते हैं।

समाजसेवी घनश्याम सिंह रघुवंशी ने बताया कि गांव के सभी नागरिक धार्मिक स्वभाव के हैं। नशा आदि व्यसन से दूर रहते हैं इसलिए इतने सालों में कभी थाना अदालत की जरूरत ही नहीं पडी़। युवा प्रीतम सिंह और राजेश पाल से भी न्यायाधीश ने बात की। प्राथमिक शाला की शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और गांव की महिलाओं से भी उन्होंने बात की। साथ ही उन्होंने पुलिस सहायता केन्द्र खरगोन की यहां से दूरी सहित अन्य जानकारियां भी लीं। न्यायाधीश जयकुमार जैन ने कहा कि ढिलवार जैसा छोटा सा गांव उनचालीस सालों से आपसी सामंजस्य का बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। अन्य गांव भी इसका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि ढिलवार अपनी इस मिसाल को हमेशा बनाए रखे, मैं फिर गांव वालों से मिलने आऊंगा। सरपंच मनोरमा पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायत अहमदपुर के छोटे से गांव ढिलवार के सभी परिवार सम्मान के पात्र हैं। सरपंच ने कहा कि अहमदपुर ग्राम पंचायत अपने गांव ढिलवार के सभी नागरिकों पर गौरवान्वित है।

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