जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में नवजात शिशु को गलत समूह का खून चढ़ा दिया। बंदरकोला बरगी निवासी श्रीकांत लोधी ने यह आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ से जांच की मांग की है। शिकायत मिलने के बाद सीएमएचओ डा. संजय मिश्रा ने मेडिकल प्रबंधन से चर्चा की।
यह लगाया आरोप
श्रीकांत ने बताया कि उसने अपनी पत्नी आरती पटेल को प्रसव के लिए मेडिकल में भर्ती कराया था। 31 मई को शिशु का जन्म हुआ। जन्म के समय से ही शिशु शारीरिक रूप से कमजोर था। उसका वजन भी अपेक्षाकृत कम था। चिकित्सकोें ने नवजात शिशु को भर्ती कर लिया और खून चढ़ाने की सलाह दी। मेडिकल में जांच से पता चला कि शिशु का रक्त समूह एबी पाजिटिव है। वह खून लेने मेडिकल के ब्लड बैंक पहुंचा। जहां एबी पाजिटिव की जगह ए पाजिटिव समूह का खून दे दिया गया। चिकित्सकों ने बिना किसी जांच पड़ताल के खून शिशु को चढ़ा दिया।
निजी ब्लड बैंक में पता चला रक्त का समूह दूसरा है
शिकायतकर्ता के अनुसार जब सेहत में सुधार न होने पर शिशु को 16 जून को मेडिकल के बच्चा वार्ड से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रेफर किया गया। 28 जून को चिकित्सकों ने पुन: उसे खून चढ़ाने की सलाह दी। वह मेडिकल के ब्लड बैंक पहुंचा जहां कमी बताकर खून देने से इंकार कर दिया गया। वह निजी ब्लड बैंक पहुंचा जहां जांच से पता चला कि उसके शिशु के खून का समूह एबी पाजिटिव नहीं बल्कि ए पाजिटिव है। उसने मेडिकल के अधिकारियों से शिकायत की परंतु कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद सीएमएचओ से शिकायत की।
इनका कहना है..
संबंधित शिशु को 28 जून को मेडिकल के ब्लड बैंक से एबी पाजिटिव समूह का खून दिया गया था। ब्लड बैंक में खून देने से पूर्व आवश्यक जांचें की गई थीं। इससे पूर्व 16 जून को किस समूह का खून शिशु को दिया गया था इसकी जांच कराई जा रही है।-डा. शिशिर चनपुरिया, ब्लड बैंक प्रभारी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.