बिलासपुर। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों की जांच के लिए 56 लाख रुपये की लागत से वेट फालिंग डिफलेक्टोमीटर (डब्ल्यूएफडी) मशीन की खरीदी की गई है। मशीन का इंश्योरेंस नहीं होने के कारण बीते दो साल से ग्रामीण सडक इकाई कायपालन अभियंता कायालय में खड़ी है। अधिकारियों का कहना है कि इंश्योरेंस के लिए विभाग के पास फंड नहीं है। ऐसे में मशीन की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रदेश मुख्यालय से 2022 में प्रदेश की पांच जिलों के लिए वेट फालिंग डिफलेक्टोमीटर (डब्ल्यूएफडी) मशीन की खरीदी की गई है। बिलासपुर को पहले मशीन की सप्लाई की गई। इससे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता को परखने के लिए खरीदी की गई है। बताया जा रहा है कि उक्त मशीन का इंश्योरेंस खत्म हो गया है। इसके कारण इसका उपयोग नहीं हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इंश्योरेंस के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है।
क्या है फालिंग वेट डिफलेक्टोमीटर
सड़कों की गुणवत्ता को परखने के लिए फालिंग वेट डिफलेक्टोमीटर का उपयोग किया जाता है। यह मश्ाीन सड़क के अलग-अलग भार क्षमता के अनुसार बिकती है। इसे मौके पर ले जाकर सड़कों की गुणवत्ता का आकलन किया जाता है।
इन्होंने कहा
डब्ल्यूएफडी मशीन का इंश्योरेंस नहीं हो सका है। लिहाजा मशीन से सड़क की जांच नहीं हो पा रही है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इंश्योरेंस के बाद मशीन से सड़कों की नियमित जांच शुरू होगी।
प्रशांत चौहान, सब इंजीनियर ग्रामीण इकाई नेटवर्क प्रबंधन बिलासपुर
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