बलौदा बाजार। पैसे के खातिर सास-ससुर की हत्या के मामले में पुलिस ने राजफाश किया है। बीते 22 मई को कसडोल थानांतर्गत सिद्धखोल में दो दिनों से लापता पति और पत्नी में पत्नी लक्ष्मी बाई मानिकपुरी की लाश संदिग्ध हालत में कसडोल पुलिस को सिद्धखोल जल प्रपात के समीप मिला था, लेकिन शव धूप के कारण गर्मी में काला पड़ गया था। जिसके बाद पुलिस ने शव को स्वजनों के पहचान पर मृतका लक्ष्मी मानिकपुरी के नाम से पहचान की थी । इस मामले को पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया था। वहीं इसी क्रम में पुलिस की जांच में लगातार नए-नए संदेही आरोपित सामने आ रहे थे। लेकिन पुलिस को प्रारंभिक जांच में ही आरोपित दामाद ईश्वर दास मानिकपुरी (41) पर शक था जिसे गिरफ्तार कर पूरे मामले की जांच कर रही है।
पांच लाख रूपया दिया था दामाद
आरोपित दामाद ने ही सास मृतका लक्ष्मी बाई मानिकपुरी की हत्या करना कबूल करते हुए बताया कि सास-ससुर को पांच लाख रूपए गारंटर बनकर दिलवाया था, लेकिन दामाद को यह बात पता चली कि सास-ससुर वह पैसा नहीं लौटाएंगे। जिसके बाद पैसा डूबने के डर से आरोपित दामाद ने सास और ससुर की हत्या करने की योजना बनाई।
पत्थर से मारकर सास की हत्या
आरोपित ने सास लक्ष्मीबाई मानिकपुरी को अपने मोटरसाइकिल पर बैठाकर हत्या करने के इरादे से बहकाकर कसडोल से सिद्धखोल जलप्रपात मोड के पास ले गया। जहां मुंह दबाकर और पत्थर से मारकर हत्या कर शव को घसीटकर झाड़ियों में छुपाकर रख दिया। पूछताछ में घटना का खुलासा करते हुए मृतिका लक्ष्मीबाई की हत्या से संबंधित घटना में प्रयुक्त पत्थर के बरामदगी की गई। इधर आरोपित ने ससुर नेहरू दास की भी हत्या करने की बात कह रहा है, लेकिन शव अभी भी बरामद नहीं हुआ है, जिसे पुलिस खोज कर रही है।
आरोपित ने गुमशुदा नेहरू दास मानिकपुरी की हत्या करने के लिये 20 मई को हटौद चौक में साइकिल छोड़कर अपनी मोटरसाइकिल में बैठाकर जड़ी-बूटी लेने पचपेड़ी जंगल में ले गया था। जहां गमछा से गला घोंटकर हत्या कर जलाकर घटना घटित करना बताया है। नेहरू दास मानिकपुरी का जले हुए चश्मा एवं कपड़े के टुकड़े, टूटे हुये मोबाइल के टुकड़े बरामद कराकर जब्ती कराया है। नेहरू दास मानिकपुरी के शव को हत्या कर जलाना बताया है, लेकिन शव नहीं मिला है। शव नहीं मिलने से हत्या करने के लिये बहकाकर ले जाने व साक्ष्य छुपाने के मामले में विवेचना में लेकर गिरफ्तारी की गई है।
नेहरू दास की मौत बना संदेह
आरोपित दामाद ने अकेले सास और ससुर की मौत करना, फिर केवल संदिग्ध हालत में सास लक्ष्मीबाई मानिकपुरी का शव मिलना और ससुर की लाश को जलाना फिर पुलिस को केवल नेहरू दास का कपड़ा और चश्मा मिलने की बात लोगों के गले नहीं उतर रहा है, क्योंकि लोगों का कहना है जब पुलिस के पास आरोपित है, फिर नेहरू की लाश पुलिस को नहीं मिलना भी संदेह के दायरे में है। जबकि पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा एक महीने के बाद की है। इधर समाज के लोगों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की जांच करवाकर नेहरू दास के शव को खोजने की अपील की है, जिससे उसके परिवारजनों को न्याय मिल सकें।
मामले की जांच जारी है
बलौदाबाजार एसडीओपी अभिषेक सिंह का कहना है कि लगातार पुलिस की विवेचना के आधार पर सास-ससुर के हत्यारे दामाद को पुलिस ने पकड़ा है, अभी ससुर नेहरू दास का शव नहीं मिला है, विवेचना जारी है।
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