कवर्धा: थाना तरेगांव जंगल क्षेत्र के ग्राम दुर्जनपुर में रहस्यमय तरीके से घर से 22 दिन का बच्चा गायब हो गया था। मामले में धारा 363 का मामला दर्ज किया गया था। वहीं अब पुलिस ने इस मामले का राजफाश किया है। जानकारी के अनुसार पीड़ित शिवकुमार बैगा की शादी साल भर पहले ग्राम खाम्ही के पवन कुमारी से हुई है। दोनों को कुछ दिन पहले एक लड़का हुआ है, जो 22 दिन का है। इसे दादू नाम से पुकारते थे। दो जून को मां पवन कुमारी अपने 22 दिन के बच्चे दादू को साथ लेकर सोयी थी। सुबह करीबन चार बजे उठकर देखी तो दादू बिस्तर में नहीं था। मामले में पुलिस ने आरोपित महिला मधुभाई पति राधेश्याम बैगा उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम खाम्ही थाना कुकदुर को गिरफ्तार किया है। साथ ही महिला के पास से बच्चे को भी बरामद किया है।
आरोपित महिला ने स्वीकार किया
आरोपित महिला ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गुम बालक को अपने पास अपहरण कर लाना स्वीकार किया। उसने बताया कि ग्राम खाम्ही में रहती हूं रोजी मजदूरी का काम करती हूं, मेरे गांव की पवनकुमारी एक वर्ष पहले शादी होकर ग्राम दुर्जनपुर गयी थी, जिसका कुछ दिन पहले एक बच्चा हुआ है। यह बात उसके परिवार वाले बताये तो मुझे मालूम हुआ, मेरा विवाह आज से तीन वर्ष पूर्व हुआ है, किन्तु मेरा एक भी संतान नहीं होने से बहुत परेशान रहती थी। इस कारण 22 दिन के बच्चे को घर से चुरा लिया।
रात दो बजे बच्चे को घर से उठाया
आरोपित महिला ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार दो जून को ग्राम दुर्जनपुर के साप्ताहिक बाजार ग्राम कोमो के एक व्यक्ति के मोटर साइकिल में बैठ कर जा रही थी। ग्राम दुर्जनपुर बस्ती में पहुंचे थे, कि एक घर की ओर इशारा कर मोटर साइकिल वाला बताया कि तुम्हारे गांव खाम्ही की लड़की इस घर में आयी है। घर के आंगन में छोटे बच्चे को उसकी मां गोद में लेकर घुमा रही थी। फिर मै बाजार ग्राम दुर्जनपुर आ गयी और खरीदी करके उस दिन शाम ढलने के बाद लगभग नौ बजे रात को ग्राम दुर्जनपुर में पवन कुमारी बाई के घर के बाजू वाले घर में रात को रुकी। रात करीबन दो बजे उठी और पवन कुमारी बाई के घर के पीछे दीवार को कूद कर अंदर गयी, अंदर कमरे में सो रहे, नन्हे बालक को बिस्तर से उठाकर बिना किसी को बताये लेकर चली गयी। पुलिस ने आरोपित महिला के विरुद्ध थाना तरेगांव जंगल में अपराध पंजीबद्ध कर कोर्ट में पेश किया।
मां का रो-रो कर बुरा हाल
घर से ही बच्चा गायब हुआ है। हालांकि ग्रामीणों ने सुबह चार बजे से ही बच्चे को काफी ढूंढा। लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। दूसरी ओर मां का भी रो-रो कर बुरा हाल है। शनिवार और रविवार को मौके पर थाना तरेगांव जंगल की टीम पहुंची हुई थी। पुलिस की जांच के बाद अब आरोपित महिला पकड़ में है।
खरहट्टा का मामला अब तक अनसुलझा
नक्सल प्रभावित थाना तरेगांव जंगल के ग्राम दुर्जनपुर में वर्ष 2021 अगस्त माह में पांडातराई के ग्राम खरहट्टा में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। करीब दो साल बाद भी यह मामला अब तक अनसुलझा है। दरअसल, इस गांव में घर में खाट पर सो रही चार माह की मासूम बच्ची के अचानक गायब हो जाने से स्वजनों सहित ग्रामीणों के होश उड़ गए। पुलिस बच्ची की खोजबीन में जुटी है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज किया था। लेकिन, बच्ची का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
पूछताछ करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ
पांडातराई के ग्राम खरहट्टा मामले में पुलिस ने शुरूआत में कई लोगों से पूछताछ भी किया था। इसके बाद भी अब तक कुछ नहीं हुआ। घर और गांव में खोजबीन करने पर भी बच्ची कहीं नहीं मिली है। पीड़ित के घर के पीछे हाफ नदी है। वहां गोताखोर उतारे गए, इस संदेह में कि किसी ने मासूम को द्वेषपूर्ण नदी में तो नहीं फेंक दिया। इसके बाद भी कुछ नहीं मिला। इस गांव में ही एक जगह सीसीटीवी कैमरा लगा है, जिसका फुटेज निकलवाया गया। फिर भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है।
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