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अपने स्वर्गीय पिता का सपना अब मुख्यमंत्री की मदद से पूरा करेगा खिलेश

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डॉक्टरी की पढ़ाई को मुख्यमंत्री की मदद से खिलेश का चेहरा ख़िला

सुरेन्द्र जैन धरसीवा

पिता का सपना था कि पुत्र पढ़ लिखकर डॉक्टर बने लेकिन पुत्र को डॉक्टर बनाने का सपना संजोए बैठे पिता की वर्ष 2013 में अकस्मात मृत्यु हो गई मां दिव्यांग ऐंसे में पिता की मृत्यु के बाद पिता का सपना कैंसे पूरा हो यह चिंता हमेशा बनी रहती थी जैंसे तैसे दिव्यांग मां ने 12वी तक कि पढ़ाई कराई ओर फिर अचानक ऐंसा कुछ हुआ कि पिता की मृत्यु के उपरांत भी पिता का सपना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मदद से पूरा होने का शुभ समाचार मिला।
जी हां यह कोई किस्सा कहानी नहीं बल्कि रायपुर जिले के धरसीवां विकासखंड के मांढर स्कूल में पढ़े होनहार छात्र खिलेश के जीवन की सत्य घटना है खिलेश का मायूस चेहरा अब खिल चुका है ।


एमबीबीएस की पढ़ाई में रोड़ा बनी थी आर्थिक समस्या
खिलेश को एमबीबीएस की पढ़ाई में आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन,अब उनका डॉक्टर बनने का सपना आसानी से पूरा हो सकेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खिलेश को मेडिकल की पढ़ाई के लिए 4 लाख की आर्थिक मदद की है।
इसी साल दिया था नीट का एग्जाम
खिलेश ने इस वर्ष नीट की परीक्षा दी जिसमे वह पास हुआ उसने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की तैयारी की लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी तब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक उसने अपनी बात पहुचाई मुख्यमंत्री भुपेश बघेल तक बात पहुचने के बाद शासन द्वारा 4 लाख की आर्थिक सहायता मिली अन्यथा आर्थिक सहायता के बिना उसकी पढ़ाई संभव नहीं थी।

पिता की अकस्मात मृत्यु व मां के दिव्यांग होने के कारण संभव नहीं था सपना पूरा होना
साधारण परिवार से आने वाले खिलेश के पिता की आकस्मिक मृत्यु वर्ष 2013 में हो गई। जिसके बाद उनकी मां हीरामणी वर्मा ने घर और अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारियां संभाली।दिव्यांग हीरामणी ने अपने दोनों बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करवाई और उनको उच्च शिक्षा के लिए तैयार भी किया।वर्तमान में खिलेश का भाई सिविल इंजिनियरिंग की पढ़ाई जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से कर रहा है वही खिलेश अपनी मेहनत से डॉक्टर बनने के सपने की ओर आगे कदम बढ़ा लिया है।

आर्थिक कठिनाईयों के कारण उसका परिवार मेडिकल कॉलेज का फीस वहन करने की चिंता थी। इस बात की जानकारी होने पर क्षेत्रीय विधायक श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक यह बात पहुंचाई। मुख्यमंत्री जी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल 4 लाख रुपए की राशि खिलेश के पढ़ाई और फीस के लिए जारी की।इससे खिलेश और उसके परिवार का सपना पूरा होने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के जरूरतमंद होनहार बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। छात्र खिलेश वर्मा ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आर्थिक संकटों की वजह से उनकी उच्च शिक्षा का शुल्क देना संभव नहीं हो पा रहा था,पर अब सहायता मिल जाने से मेडिकल की पढ़ाई आसानी से हो पाएगी।

इसी तरह खिलेश की मां हीरामणि कहती है कि खिलेश के पिता का भी सपना था की उनका बेटा डॉक्टर बने। उनकी मृत्यु के बाद परिवार जनों से बहुत सहारा मिला जिससे वह अपने दोनों बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करवा पाई। खिलेश ने अपनी लगन और मेहनत से नीट की परिक्षा तो पास कर ली पर हमें मेडिकल की फीस भरपाने में समस्या हो रही थी। जब मुख्यमंत्री जी तक यह बात पहुंची तो उन्होंने तुरंत फीस के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की। जिसके लिए वह उनका बहुत बहुत आभार व्यक्त करतीं हैं।

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