लंबे समय से देश की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान एक बार फिर चुनाव जीत गये हैं। इस चुनाव में जीत के बाद वो अगले 5 साल के लिए तुर्की का नेतृत्व करेंगे। यानी लगातार 11वीं बार उनकी बतौर राष्ट्रपति ताजपोशी होगी। तुर्किये में रविवार को दूसरे दौर का मतदान हुआ, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। एर्दोगान 14 मई को पहले दौर के मतदान में जीत के लिए आवश्यक बहुमत से कुछ ही अंतर से चूक गए थे। उसके बाद दूसरे दौर के लिए मतदान हुआ।
नाकामयाब रहा विपक्ष
इस चुनाव में एर्दोगान के मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे पूर्व नौकरशाह कमाल केलिचडारोहलू, जो छह दलों के गठबंधन और मध्यमार्गी- वामपंथी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार थे। उन्होंने इस चुनाव को देश के भविष्य के लिए जनमत संग्रह करार दिया और जनता से अधिक लोकतांत्रिक समाज बहाल करने का वादा किया था। लेकिन एर्दोगान की जीत ने साफ कर दिया है कि उनका निरंकुतावादी शासन जारी रहेगा और फिलहाल जनता को उनका शासन ज्यादा पसंद आ रहा है।
राष्ट्रपति एर्दोगान को जानिए
एर्दोआन पिछले 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज हैं। करीब 8.5 करोड़ आबादी वाले मुस्लिम देश तुर्किये पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की इस्लामिक मूल की पार्टी का साल 2002 से शासन चल रहा है। तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा केमल अतातुर्क के बाद से वो इस देश के सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं। एर्दोगन देश के तुर्क-युग के प्रभाव को फिर से बनाने और इसे एक वैश्विक शक्ति में बदलने के अभियान पर हैं। तुर्की के पहले राष्ट्रपति अतातुर्क ने धर्मनिरपेक्षता को मुख्य सिद्धांत बनाया था। लेकिन एर्दोगन इसके खिलाफ हैं। इनका कहना है कि तुर्कों को अपने धार्मिक विश्वासों को खुले तौर पर व्यक्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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