राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने आज पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा करके सभी को चौंका दिया। हालांकि उन्होंने यह कहा है कि वे केवल अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं और राजनीति में सक्रिय रू से बने रहेंगे। इसके बावजूद राजनीति के गलियारों में उनके इस फैसले को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। इस पार्टी के साथ अहम मौकों पर राजनीतिक उठापटक की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इससे पहले भी 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी ने कांग्रेस से अपना गठबंधन तोड़ दिया था। यह पहली बार नहीं है जब इस पार्टी के अध्यक्ष ने पद छोड़ा है। इससे पहले भी पार्टी के संस्थापक सदस्य पीए संगमा ने 2012 में पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया था। तब वे राष्ट्रपति पद की दौड़ में थे। पार्टी छोड़ने के बाद वे राष्ट्रपति का चुनाव भी नहीं जीत पाए थे।
चुनाव आयोग छीन चुका है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले पवार का पद छोड़ना बड़े संकेत देता है। ऐसा इसलिए भी माना जा सकता है क्योंकि गत 10 अप्रैल को चुनाव आयोग ने भाकपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद पवार का अध्यक्ष पद छोड़ना इस बात की भी संभावना को प्रबल बनाता है कि वे कोई नई पारी शुरू कर सकते हैं।
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