मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक और बड़ा झटका लगा है। सूरत की कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया है। अब राहुल गांधी और कांग्रेस के पास गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि यदि सूरत की कोर्ट निचली अदालत के फैसले के खिलाफ जाते हुए राहत देती है तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो सकती है।
इससे पहले 3 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय ने कांग्रेस नेता को जमानत दी थी। पूर्व सांसद को जमानत देते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और 20 अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वायनाड सीट से लोकसभा सदस्य थे राहुल गांधी
राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा सांसद थे, लेकिन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत सूरत की निचली अदालत द्वारा 23 मार्च को दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इस मामले में अब तक राजनीति भी खूब हुई है। कांग्रेस जहां विक्टिम कार्ड खेलने के प्रयास में है, वहीं भाजपा नियमों का हवाला दे रही है। अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे लोकतंत्र की हत्या और मोदी सरकार की तानाशाही करार दिया।
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