वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण आज सुबह-सुबह ही लग गया. यह ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगा. अब यह दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगा है. वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना गया है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. जिस तरह से ग्रह-नक्षत्रों के बदलने का प्रभाव राशियों पर भी पड़ता है. ठीक उसी तरह सूर्य ग्रहण का भी सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है.
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ये ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में देखा जा सकेगा.
कैसा होगा सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को लगता है. आज साल का पहला सूर्य ग्रहण और वैशाख की अमावस्या है. सूर्य ग्रहण के तीन रूप होते हैं. एक होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण जिसे खग्रास सूर्यग्रहण भी कहते हैं. दूसरा आंशिक सूर्यग्रहण जिसे खंडग्रास सूर्यग्रहण कहते हैं और तीसरा होता है कंकणाकृति सूर्यग्रहण. इसे वलयाकार ग्रहण भी कहते हैं. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण एक संकरित सूर्य ग्रहण है. विज्ञान की भाषा में इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण भी कहा जाता है.
यह सूर्य ग्रहण विश्व की अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रूपों में दिखाई देने वाला है. आज का हाइब्रिड सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण है क्योंकि यह बहुत कम देखने को मिलता है. इस दिन कुछ जगहों पर यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा तो कुछ जगह पर यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा. वहीं कुछ जगहों पर यह 0कुंडलाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा. इसलिए इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जाता है.