उज्जैन। भस्म आरती के नाम पर दिल्ली के तीन श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। श्रद्धालुओं से एक बदमाश ने भस्म आरती में प्रवेश की अनुमति देने के नाम पर 4500 रुपये ले लिए। दर्शनार्थियों को पुरानी किसी अनुमति में नाम-पते एडिट कर अनुमति दे दी। दर्शनार्थी रविवार तड़के महाकाल मंदिर पहुंचे तो जांच के दौरान अनुमति फर्जी मिली। मंदिर समिति के कर्मचारी की शिकायत पर महाकाल पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि महाकाल मंदिर के कर्मचारी प्रेमनारायण उदेनिया ने रविवार को शिकायत की थी कि दिल्ली के तीन श्रद्धालु शनिवार को उज्जैन आए थे। यहां नृसिंह घाट पर कालसर्प दोष का पूजन करवाया था। वहां किसी पंडित से श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर की भस्म आरती की अनुमति करवाने की बात कही थी।
इस पर पंडित ने एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर उन्हें दे दिया था। इससे बात करने पर संबंधित व्यक्ति ने तीनों से 1500-1500 रुपये कुल 4500 रुपये ले लिए और अनुमति दे दी। रविवार तड़के जब श्रद्धालु भस्म आरती में प्रवेश के लिए पहुंचे तो वहां कर्मचारी ने बार कोड स्कैन किया तो वह फर्जी निकला।
पूछताछ में श्रद्धालुओं ने घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद मंदिर प्रशासक को भी शिकायत की गई। पुलिस ने देर शाम मंदिर समिति के कर्मचारी प्रेमनारायण की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 व 34 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस मोबइल नंबर के आधार पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपित की तलाश में जुटी है।
बारकोड स्कैन करने से खुला मामला
मंदिर समिति द्वारा जारी भस्म आरती अनुमति में बार कोड भी दिया जाता है। जिसे मंदिर के कर्मचारी भस्म आरती प्रवेश के दौरान स्कैन करते हैं। रविवार सुबह जब कर्मचारी ने बार कोड स्कैन किया तो वह स्कैन नहीं हुआ।
बताया जा रहा है कि वह किसी पुरानी अनुमति का बार कोड है जो एक्सपायर हो चुका था। जिसे धोखाधड़ी करने वाले ने कम्प्युटर की मदद से केवल नाम-पते बदलकर श्रद्धालुओं को दे दिए थे।
बता दें की पूर्व में भी भस्म आरती के नाम पर रुपये लेकर धोखाधड़ी करने के मामले सामने आ चुके है। मगर इस तरह का यह पहला मामला है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपित का नाम-पता निकालकर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.