ग्वालियर।महानआर्यमन सिंधिया सहित तीन कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। महानआर्यमन सिंधिया का बुधवार को टेस्ट कराया गया था। महानआर्यमन सिंधिया से जुड़े और जीडीसीए के अध्यक्ष प्रशांत मेहता ने बताया कि उन्हें फीवर आदि की शिकायत थी। इसके बाद उनका टेस्ट कराया गया। जिसमें वे पाजिटिव आए थे। महानआर्यमन सिंधिया ने अपने आप को आइसोलेट कर लिया है। बीएमआइआर की 19 वर्षीय छात्रा संक्रमित पाई गई, जो दिल्ली से हाल ही में लौटी थी। जब लक्षण आए तो जांच में संक्रमित पाई गई। इसी तरह इंद्रमणी नगर में रहने वाला 42 वर्षीय व्यक्ति संक्रमित निकला है, उससे मिलने के लिए दो दिन पहले पुणे से उसका दोस्त आया था। लक्षण के आधार पर उसने जांच कराई तो संक्रमित पाया गया। दोनों को ही आइसोलेशन में रखा गया है।
शहर में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोरोना के खतरे को देखकर भी गंभीर नहीं है, क्योंकि पांच महीने पहले 15 नवंबर को जिला अस्पताल में आई आरटीपीसीआर मशीन अब तक चालू नहीं हो सकी है, जो संक्रमित मरीज मिल रहे हैं उन्हें आइसोलेट तो किया जा रहा हैं पर उन्हें दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।
इसी तरह से जांच केन्द्र की संख्या भी पूरे जिले में केवल छह हैं, जबकि बाहर से आने वाले लोग कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। इसके बाद भी सार्वजनिक स्थलों पर जांच शुरू नहीं कराई जा रही है। जो आगे चलकर शहर में कोरोना फैलने का कारण बनेगा। बुधवार को भी दो कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। जिन्हें विभाग ने आइसोलेशन में रखा है। जिले में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या अब 15 हो चुकी है।
पांच स्थानों पर हो रही दिखावे की जांच
शहर के जयारोग्य अस्पताल में संचालित होने वाली कोल्ड ओपीडी को बंद कर दिया गया है। अब माइक्रोबायोलाजी लैब में ही कोविड की जांच होती है। इसलिए यहां पर जांच कराने के लिए हर कोई नहीं पहुंच पाता है। इधर जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, डबरा सिविल अस्पताल, भितरवार में जांच की जा रही है, लेकिन यहां पर भी सैंपल की संख्या गिनी चुनी रहती है, जबकि कोरोना के खतरे को देखते हुए जांच की संख्या बढ़ानी चाहिए।
संपर्क हिस्ट्री में कमजोर
जो मरीज संक्रमित मिल रहे हैं उनकी संपर्क हिस्ट्री तैयार की जा रही है, लेकिन यह भी दिखावा मात्र है, क्योंकि सैंपल उन्हीं लोगों के लेना है जिन्हें कोविड के लक्षण होंगे या फिर बुजुर्ग के संपर्क में मरीज आया हो, जबकि कोरोना संक्रमित मरीज को जरूरी नहीं कि लक्षण आएं पर वह संक्रमण को फैला सकता है। ऐसे में मरीज के संपर्क में आने वाला व्यक्ति संक्रमित हुआ और उसे लक्षण नहीं हैं तो वह संक्रमण फैला सकता है।
मरीजों की निगरानी नहीं
कोरोना के गंभीर मरीज को ही अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। जिन्हें मामूली लक्षण हैं उन्हें घर पर आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। कोविड मरीज घर पर है या फिर बाहर घूमकर कोरोना फैला रहा है, इसकी भी स्वास्थ्य विभाग निगरानी नहीं रख रहा है। वहीं आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को दवाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।
जल्द ही फीवर क्लीनिक चालू किए जा रहे हैं, जिन पर सैंपलिंग की जाएगी। घर पर रहने वाले मरीज को दवा उपलब्ध कराने के शासन से निर्देश नहीं मिले हैं। जिला अस्पताल की आरटीपीसीआर मशीन का कुछ सामान रह गया है जो मंगवाया है, मशीन जल्द चालू होगी। जिले में एक्टिव केस की संख्या 15 हो चुकी है।
डा़ मनीष शर्मा, सीएमएचओ
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