ग्वालियर। नगर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र अचलेश्वर मंदिर के निर्माण कार्य पर लगा ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है। चैंबर आफ कामर्स के चुनाव से पहले निर्माण कार्य शुरु किया गया था, क्योंकि कान्ट्रेक्टर जगदीश मित्तल भी चुनाव लड़ रहे थे। ताकि चुनाव में अचलेश्वर निर्माण कार्य मुद्दा नहीं बन पाए। कान्टेक्टर ने फिर से काम मंदिर का निर्माण कार्य फिर से शुरु करा दिया था, और दावा किया था कि महाशिवरात्रि के तीन माह बाद निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा।
यह तीन माह भी बीत गए। अब भी मंदिर के निर्माण का काफी काम शेष है। होली से निर्माण कार्य पर फिर ब्रेक लग गया है। मंदिर निर्माण के संयोजक व कान्ट्रेक्टर भी निर्माण कार्य को लेकर कथनों में मतभिन्नता है। कान्ट्रेक्टर का साफ कहना है कि आर्थिक परेशानी के कारण काम फिर बंद कर दिया गया है। जबकि संयोजक का कहना है कि ठेकेदार पत्थर लेने के लिए बियाना राजस्थान गया है। कुल मिलाकर जिला प्रशासन पर दवाब बनाया जा रहा है। ठेकेदार पत्थर और कारीगर लेने के लिए बियाना गया है: मंदिर जीर्णोद्धर समिति के संयोजक हरिबाबू शिवहरे का दावा है कि काम निरंतर चल रहा है। मंदिर के ऊपर के लिए कुछ पत्थर आना है। कुछ पत्थरों पर नक्कासी का काम यहीं कराया जाता है। कुछ पत्थर को बियाना की फैक्ट्री में तैयार कराया जाता है। ठेकेदार अमृतलाल उन्हें यह बताकर गया है कि वह पत्थर लेने के लिये बियाना राजस्थान जा रहा है, और कारीगर को भी लाना है। निर्माण कार्य से फिर से शुरु हो जाएगा।
2019 में निर्माण कार्य पूर्ण होना था
– श्री अचलेश्वर मंदिर में निर्माण कार्य वर्ष 2017 में निर्माण कार्य शुरु किया गया था। निर्माण कार्य का कान्टेक्ट 2019 में पूरा होना था। किंतु निर्माण कार्य पूर्ण करने में चार साल का विलंब हो गया है।
– श्रद्धालुओं को हो रही है परेशानी: न्यास में अनियमितताओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अनियमितताओं का मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने न्यास को भंग कर रिसीवर नियुक्त किए। इसके बाद अभी मंदिर के संचालन का कार्य जिला प्रशासन के हाथों में। कलेक्ट्रेट कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। मंदिर में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। मंदिर का फर्श उखाड़ा हुआ है, जिसके कारण नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं हो पा रही है।
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