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महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों एवं संविदा कर्मचारियों को करेंगे नियमित-कमलनाथ

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-चुनावी साल में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने खेला बड़ा दांव

डॉ. अनिल जैन
भोपाल। जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आ रहा है चुनावी बिसात की गोटिया विछने लगी है।इसी बीच पीसीसी चीफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दांव खेल दिया है।जैसा की विदित है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करेंगे साथ ही सभी विभागों में संविदा पर लगे कर्मचारियों का भी भविष्य सुरक्षित करने का वादा किया।पत्रकारों के सवाल का जबाव देते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार 12 माह में ही अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की नोटशीट जीतू पटवारी के नेतृत्व में तैयार की थी और प्रक्रिया शुरू कर दी थी नियमितीकरण की पर जनता के जनादेश के साथ धोखा करके सरकार गिराई गई और हम अपना वचन पत्र पूरा नही कर पाए।अब जैसे ही सरकार बनती है अतिथि विद्वान,संविदा कर्मचारी आउटसोर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि सभी की मांग पूरी की जाएगी।

विपक्ष में रहते शिवराज भी अतिथि विद्वानों को नियमित करने का कर चुके हैं वादा

वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विपक्ष में रहते हुए अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का वादा कर चुके थे,16 दिसंबर 2019 को साहजहानी पार्क भोपाल में अतिथि विद्वानों के आंदोलन में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,नरोत्तम मिश्रा,गोपाल भार्गव,वीडी शर्मा सहित सभी भाजपा नेताओं ने अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करने का किया था वादा पर आज तक ये अतिथि के अतिथि ही रह गए और इनका धरना प्रदर्शन मांग जारी है।

हर चुनावी साल में अतिथि विद्वान क्यों रहते हैं नेताओं के एजेंडे पर

जब जब चुनावी वर्ष आता है अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर सियासत गर्म होती है और पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं।ज़मीनी हक़ीक़त देखा जाए तो इनकी संख्या 4500 है लेकिन ये अतिथि विद्वान समाज का सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा वर्ग है जो नेट पीएचडी किया है अनुभवी भी है।साथ ही महाविद्यालय के लाखों युवाओं का नेतृत्व यही अतिथि विद्वान करते हैं।अतिथि विद्वानों के पढ़ाए हुए विद्यार्थियों की संख्या देखी जाए तो करोड़ों में है।यही युवा वोटर हैं प्रदेश के।इसलिए सरकार विपक्ष खूब सियासत करते हैं पर अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित नहीं हुआ।
इनका कहना है-
पिछले 26 वर्षों से अनिश्चित भविष्य आर्थिक बदहाली के बावजूद भी अतिथि विद्वान लगातार प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन, मूल्यांकन,नैक,रुसा समस्त कार्य करते हैं,अनुभवी है योग्य हैं पर भविष्य सुरक्षित नहीं।कमलनाथ जी ने वादा किया है इसके लिए संघ की तरफ़ से उनको साधुवाद है।अभी शिवराज सिंह चौहान जी से उम्मीद है की वो अपना वादा पूरा करेंगे और अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करेंगे।अतिथि विद्वान जल्द ही बड़ा निर्णय लेंगे।मध्य प्रदेश के करोड़ों युवाओं के साथ।
डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ/मोर्चा

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