प्रदेश में आरटीई के माध्यम से कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए ही निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। गहलोत ने पिछले बजट में राज्य सरकार के खर्चे पर छात्राओं के लिए कक्षा 9 से 12वीं तक निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा जारी रखने का प्रावधान किया था। इसी क्रम में अब छात्रों को भी कक्षा एक से 12 तक आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश लेने पर निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी। राज्य सरकार की ओर से विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लगातार अहम निर्णय लिए गए हैं।
इनमें महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफार्म योजना, मुख्यमंत्री बाल-गोपाल योजना सहित कई योजनाएं शामिल हैं।अब तक आठवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स को ही RTE में एडमिशन और निशुल्क शिक्षा मिलती थी। प्राइवेट स्कूलों में 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स अब राइट टू एजुकेशन यानी शिक्षा के अधिकार के तहत फ्री एजुकेशन ले सकेंगे। उनके प्रवेश निशुल्क होंगे। जो पुनर्भरण की राशि होगी, वह राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को भी पिछले दिनों 12वीं कक्षा तक स्टूडेंट्स की पढ़ाई आरटीआई के दायरे में लाने की डिमांड की थी। अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई डिसीजन नहीं लिया गया है। राजस्थान में सरकार ने अपने बजट से फीस पुनर्भरण की घोषणा की है। इससे गरीब और बीपीएल परिवार के बच्चे प्राइवेट स्कूलों और इंग्लिश माध्यम के निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकेंगे। उन्हें भी बेहतरीन शिक्षा के अवसर मिल सकेंगे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.