बेंगलुरु । पिछले माह तक यह कहा जा रहा था, कि कर्नाटक में 50 फ़ीसदी भाजपा विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। भाजपा गुजरात विधानसभा का फार्मूला कर्नाटक में लागू करेगी। उनके स्थान पर नए उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएंगे। लेकिन अब स्थितियां पूरी तरह से बदल गई हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जानकारी मिली है, कि यदि पुराने विधायकों की टिकट काटे गए, तो वह पार्टी छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो सकते हैं,या निर्दलीय खड़े होकर पार्टी के लिए मुसीबत बन सकते हैं। 2007,2013 और 2018 में भी यही स्थिति बनी थी। जिस तरह की गुटबाजी कर्नाटक भाजपा में देखने को मिल रही है। उसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने वर्तमान विधायकों के टिकट नहीं काटने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार अधिकतम आधा दर्जन वर्तमान भाजपा विधायकों के ही टिकट कटेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा कर्नाटक की पूरी कमान पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के भरोसे छोड़ दी गई है। भाजपा के अंदर जो अंतर्विरोध बना हुआ है। उसके बाद भाजपा हाईकमान ने कर्नाटक चुनाव येदुरप्पा के नेतृत्व में लड़ने का अंतिम फैसला कर लिया है। इससे वर्तमान विधायकों ने राहत की सांस ली है।
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